अब तक आप यही जानते होंगे की तम्बाकू स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है इसके चबाने से कैंसर जैसी बहुत सी बिमारी हो जाती है जिससे मनुष्य कि मौत हो जाती है. लेकिन यदि हम कहे की तम्बाकू जानलेवा नहीं बल्कि जीवनदाता है तो आप चौंक जायेगे। इसी बात को सच कर दिखाया है उत्तर प्रदेश के महानगर कानपुर कि चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी (सीएसए) के शोध कर्ताओं ने. यूनिवर्सिटी के शोध कर्ताओं ने हुक़्क़ा तम्बाकू की एक नई प्रजाति खोजी है जिस तम्बाकू से अब दवायें बनेंगी। क्योकी एआरआर-27 'रवि' नाम तम्बाकू में निकोटिन बहुत ज़्यादा मात्रा में मिलती है इसलिए इसका इस्तेमाल एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल दवाएं बनाने में किया जाएगा। साथ ही औषधीय गुणों के साथ यह फसलों में लगने वाले कीड़ों से भी बचाएगा।
केंद्रीय तंबाकू शोध संस्थान (सीटीआरआइ) राजामुंदरी आंध्र प्रदेश के साथ मिलकर तंबाकू शोध जनक डॉ. अरविंद श्रीवास्तव द्वारा इजात कि गई है। यह तम्बाकू कि प्रजाति औषधियों गुणों से भरपूर है इतना ही नहीं यह तम्बाकू कि यह प्रजाति किसानो के लिए किसी वरदान से कम नहीं है क्योकी इसकी पैदावार अन्य तम्बाकू कि प्रजातियों कि तुलना में प्रति हेक्टेयर 10 से अधिक कि पैदावार होती है. तो वहीं इस नई पौध को आईसीआर के अखिल भारतीय प्रजाति परीक्षण में 'रवि' तम्बाकू को सर्वोत्तम करार दी गई है.
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी (सीएसए) के शोध डायरेक्टर डॉ एच जी प्रकाश ने बताया कि देखने में जितना खूबसूरत है उतने ही औषधीय गुण इसमें विद्यमान हैं। जिसमें निकोटीन की मात्रा आम तम्बाकू से बहुत ज्यादा है। 4 से लेकर 4.5 तक की मात्रा शोध में पाई गई है
प्रभाकर मिश्र, कृषि जागरण