Kisan Credit Card: किसानों को अब KCC से मिलेगा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें कैसे उठाएं लाभ? Farmers News: किसानों की फसल आगलगी से नष्ट होने पर मिलेगी प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की आर्थिक सहायता! Loan Scheme: युवाओं को बिना ब्याज मिल रहा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 19 February, 2023 10:00 PM IST
टिंडे की खेती

टिंडे की खेती सब्जी के लिए की जाती है. गर्मियों में उगने वाली यह उत्तर भारत की सबसे अहम सब्जी है. टिंडा भारतीय मूल की फसल हैजिसका संबंध कुकरबिटेसी प्रजाति से है.  इसके कच्चे फल का सेवन सब्जी के रूप में किया जाता है. टिंडे  की फसल भारत के दिल्लीमध्य प्रदेशउत्तर प्रदेश हरियाणापंजाबबिहारआंध्रप्रदेश और राजस्थान में प्रमुख रूप से उगाई जाती है.

100 GM कच्चे टिंडे में 3.4% कार्बोहाइड्रेट, 18 MG विटामिन, 13 MG कैरोटीन, 1.4% प्रोटीन और 0.4% वसा की मात्रा पाई जाती है. जिस वजह से टिंडा स्वाद के साथ-साथ कई औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है. यह रक्त संचार और सूखी खांसी के उपचार में उपयोगी है. इसलिए टिंडे की खेती लाभदायक और मुनाफेमंद साबित हो रही है ऐसे में आइये जानते हैं कैसे करें टिंडे की खेती. 

खेती में लागत और कमाई-

गर्मियों में टिंडे की खूब मांग होती है. बाजार में इसका मूल्य 10 से 20 रुपए प्रति किलो होता है. औसतन पैदावार 80 से 120 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक मिलती है. इसकी खेती में प्रति एकड़ 20 से 25 हजार की खर्च आता है. जिससे आसानी से 50 हजार से 1.5 लाख रुपए कमा सकते हैं.

जलवायु-

टिंडे की खेती के लिए गर्मतर जलवायु उपयुक्त होती हैबीज अंकुरण के लिए फरवरी-मार्च का मौसम बढ़िया माना जाता है. इसकी फसल के लिए 10 से 28 का तापमान सही होता है.  अधिक गर्म और ठन्डी जलवायु खेती के लिए उत्तम नहीं है.

भूमि का चयन-

वैसे तो टिंडे की खेती सभी तरह की मिट्टी में हो जाती है लेकिन अच्छी पैदावार के लिए जैविक तत्वों वाली रेतली दोमट मिट्टी उपयोग करना चाहिए. खेत से जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए. मिट्टी का pH 6 से के बीच होपानी के ऊंचे स्तर वाली मिट्टी में पैदावार बढ़िया होती है.

खेत की तैयारी-

सबसे पहले खेत को दो जुताई हैरो और दो जुताई कल्टीवेटर से पाटा लगाकर करेंजुताई के बाद खेत को समतल कर लेना चाहिए. खेत में जुताई से पहले 10 से 12 टन प्रति एकड़ गोबर या कंपोस्ट खाद डालकर अच्छी तरह मिला लें. 

बुआई का तरीका –

बुआई से पहले बीज का उपचार जरूर कर लेंइससे पहले  बीजों को 12-24 घंटे पानी में भिगोकर रखेंइसके बाद प्रति किलो कार्बेनडाजिम की ग्राम या थीरम की 2.5 ग्राम मात्रा में मिलाएंबीज को छाया में सुखाकर बुआई करना चाहिए. प्रति एकड़ के हिसाब से डेढ़ किलो बीज पर्याप्त होते हैं. बीज को क्यारियों में 60 सेंटीमीटर की दूरी बोएं. 

ये भी पढ़ेंः इन रोग और कीट से टिंडे की फसल को रखें सुरक्षित, मिलेगा अच्छा मुनाफ़ा

सिंचाई-

टिंडे की फसल को गर्मियों में हर सप्ताह सिंचाई की जरुरत होती हैबारिश के मौसम में बारिश के आधार पर सिंचाई करेंफूल और फल आने पर खेत में उचित नमी बनाये रखें. टिंडे की फसल में ड्रिप विधि से सिंचाई करने पर 28% तक ज्यादा पैदावार मिलती है.

English Summary: tinda cultivation is profitable for the farmers
Published on: 19 February 2023, 05:55 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now