किसानों की सबसे बड़ी समस्या होती है कि किस तरह अपने फसलों की रक्षा की जाए. हर साल थ्रिप्स, एपिड, फलमक्खी जैसे कीट-पतंगों के कारण उनके फसलों को भारी नुकसान होता है. इन्हें रोकने के लिए कीटनाशक एवं अन्य तरह के रसायन मौजूद हैं, लेकिन वो इतने अधिक महंगे हैं, कि अंत में किसानों को ही नुकसान होता है.
कीटनाशकों से होता है फसलों को नुकसान
दूसरी तरफ कीटनाशकों में पाया जाने वाला खतरनाक रसायन फसलों और पर्यावरण के लिए भी हानिकारक ही है, ऐसे में फसलों को कीड़ों से किस तरह बचाया जाए, ये सवाल गंभीर हो जाता है. चलिए आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताते हैं, कि कैसे बहुत कम खर्च में आप कीड़ों से छुटकारा पा सकते हैं.
नाम मात्र है खर्चा
कीड़ों को रोकने के लिए स्टिकी ट्रैप का उपयोग किया जा सकता है. इस काम में थोड़ी सी कला है और थोड़ा सा विज्ञान है. सबसे अच्छी बात है कि इसमें कोई मेहनत नहीं है और न ही समय की बर्बादी है. रासायनिक दवाओं पर होने वाले खर्च के मुकाबले यहां नाम मात्र खर्चे में आपका काम चल जाता है.
इस तरह करता है स्टिकी ट्रैप काम
स्टिकी ट्रैप एक ऐसा जाल है, जिसमें किसी रंगीन पेपर पर गोंद का उपयोग कर, उसे खेतों में लगाया जाता है. रंगीन पेपर की तरफ कीट आकर्षित होते हैं और गोंद के प्रभाव में उसी से चीपके रह जाते हैं. अब इस काम में विज्ञान ये है कि कीट सदैव विशेष रंगों की तरफ आकर्षित होते हैं, इसलिए आपका काम बस पेपर लगाने भर का है.
घर में बनाएं स्टिकी ट्रैप
स्टिकी ट्रैप बनाने के लिए आपको बस कुछ चीज़ों की आवश्यक्ता है. जैसे- रंगीन पेपर (लाल, पाली, हरा आदि), गोंद, कैंची, लकड़ी की छड़ी चाहिए. सबसे पहले कैंची की मदद से रंगीन पेपर को एक आकार में काट लीजिए, अब उसमें दोनों तरफ से गोंद लगा दीजिए. इसके बाद पेपर को गोंद की सहायता से ही छड़ी से चिपका दीजिए.
खेतों में लगाने का तरीका
गोंद से सने रंगीन पेपर को छड़ी के सहारे फसलों की ऊंचाई से करीब एक फीट ऊंचाई पर लगा दीजिए. कीट रंग से आकर्षित होकर इससे चिपकना शुरू कर देंगें. वैसे अगर आप घर में स्टिकी ट्रैप नहीं बना पा रहे, तो बाजार से भी इसे खरीद सकते हैं.
लागत
एक स्टिकी ट्रैप को बनाने में आपको 20 से 30 रूपए का खर्चा आएगा. एक एकड़ के लिए 8 स्टिकी ट्रैप पर्याप्त है. अगर आप गोंद का अभाव है, तो आप उसकी जगह रेड़ी का तेल या फिर मोबिल ऑयल भी लगा सकते हैं. लेकिन उसके लिए फिर पेपर की जगह आपको प्लास्टिक पन्नी का उपयोग करना होगा. जिस दिशा से कीट अधिक आते हैं, उस दिशा में इसे लगाना फायदेमंद है.