Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 11 November, 2022 11:30 AM IST
इस पोस्ट में हम लाए हैं आपके लिए कुछ ऐसी गेहूं की किस्में, जिन्हें बोकर आप अपनी फसल की लागत को कम कर सकते हैं.

किसान मित्रों गेहूं की फसल हम में से अधिकतर लोग करते हैं और यह भी जानते हैं कि गेहूं की फसलें कितना पानी चाहती हैं गेहूं की फसल को अगर हम वैज्ञानिक तरीके से करते हैं तो आमतौर पर 5 से 6 बार सिंचाई करनी पड़ती है जो कि किसी भी किसान के लिए अधिक दुखदायी होता है क्योंकि इससे उस किसान की गेहूं की फसल में लागत बढ़ती है जिससे मुनाफा कम होता है.

लेकिन अब आप लोगों को चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि आज के इस पोस्ट में हम लाए हैं आपके लिए कुछ ऐसी गेहूं की किस्में, जिन्हें बोकर आप अपनी फसल की लागत को कम कर सकते हैं क्योंकि यह गेहूं की किस्में कम पानी या सिंचाई चाहती हैं तो आइए इनको जानते हैं. ये हैं-

HW-5207

HI-1612

HI- 8777

सुजाता

हाइब्रिड 65

अब इन गेहूं की किस्मों के बारे में कुछ विस्तार से जानते हैं ताकि आपको एक अच्छी गेहूं की किस्म चुनने में कोई कठिनाई न हो.

HW-5207

गेहूं की इस वेरायटी को COW 3 के नाम से भी जाना जाता है. यह वेरायटी 2016 में रिलीज की गई थी इस गेहूं की किस्म को मुख्य रूप से तमिलनाडु राज्य के पहाड़ी इलाकों और उससे सटे या जुड़े हुए इलाकों के लिए विकसित किया गया था. यह एक गेहूं की अर्द्ध बौनी प्रजाति है इस किस्म को मध्यम उर्वरक कम सिंचाई और अच्छी बुवाई दशा की जरूरत होती है यह किस्म आमतौर पर 41 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज दे देती है.

HI-1612

गेहूं की इस किस्म को pusa wheat 1612 के नाम से भी जानते हैं. यह किस्म पीला और भूरा रस्ट अवरोधी किस्म भी है इसके अतिरिक्त इस किस्म को करनाल बंट और loose smut के लिए भी अवरोधी माना जाता है तथा यह गेहूं की किस्म औसत रूप में 38 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज दे देती है लेकिन इसकी उपज को 51 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक भी बढ़ाया जा सकता है.

HI-8777

इस किस्म को भी Pusa Wheat 8777 के नाम से जाना जाता है इस किस्म को ICAR & IARI के रीजनल स्टेशन के द्वारा तैयार किया गया है. यह किस्म पत्ती रस्ट अवरोधी किस्म है. यह किस्म लगभग 19 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उपज देती है लेकिन इसकी उपज को लगभग 29 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक बढ़ाया जा सकता है.

सुजाता

इस गेहूं की किस्म को भारत के लगभग हर एक राज्य में बोया जा सकता है. यह किस्म लगभग 135 से 140 दिनों में तैयार हो जाती है. इस किस्म में अधिक गर्मी और कम नमी भी सहन करने की क्षमता पाई जाती है. इस किस्म को गेरुआ रोग के प्रति अवरोधी माना जाता है. इस गेहूं की किस्म की उपज लगभग 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिल जाती है.

हाइब्रिड 65

इस गेहूं की किस्म को बहुत ही पसंद किया जाता है यह किस्म लगभग 125 से 135 दिनों में तैयार होने वाली किस्म है इसका गेहूं काफी चमकीला होता है और इस किस्म की उपज लगभग 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक आसानी से मिल जाती है.

ये भी पढ़ें: ऐसे करें गेहूं की अगेती बुवाई, ये हैं प्रमुख किस्में

अभय मिश्रा, कानपुर, उत्तर प्रदेश

English Summary: these varieties of wheat can reduce the cost of farming
Published on: 11 November 2022, 11:37 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now