बाजरा एक प्रकार का अनाज है. जिसमें कई सारे पोषक तत्त्व पाए जाते हैं जैसे - कैल्सियम, आयरन, प्रोटीन, मैग्नीशियम इत्यादि, जो हमारी सेहत के लिए काफी लाभदायक होते हैं
बाजरा की खेती (millet cultivation) भारत में के कई राज्यों में होती है, जिसमें मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान एवं मध्यप्रदेश राज्य शामिल हैं.
बाजरा देश में किसानों के लिए अनुकूल फसलों में से एक है. बता दें, बाजरा भारत की एक ऐसी फसल है जिसकी वैश्विक बाजार में बेहद मांग है, जिसके चलते किसानों में इसकी खेती की तरफ काफी रुझान बढ़ रहा है. लेकिन किसी भी फसल के अच्छे उत्पादन और लाभ के लिए जरुरी है उसमें सही किस्मों का चयन होना, ऐसे में आज हम आपको बाजरे कुछ उन्नत किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं आपको अधिक उपज देंगी और उनसे आपको काफी लाभ भी मिलेगा.
बता दें कि हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान (ICAR) ने बाजरे की कुछ उन्नत किस्मों को विकसित किया है. इस किस्म में आयरन की मात्रा 80 से 90 पीपीएम और जिंक की मात्रा 40 से 50 पीपीएम पाई गई है, इसके साथ ही खास बात यह भी है कि इनसे प्रति हैक्टेयर एरिया में 30 से 35 क्विंटल बाजरा और 70 से 80 क्विंटल चारे की पैदावार होगी जो दूसरी किस्मों से ज्यादा है.
ICAR द्वारा विकसित उन्नत किस्में
पी बी 1877 किस्म (PB 1877 Variety)
बाजरे की PB 1877 किस्म में आयरन की मात्रा 48 पीपीएम और जिंक की मात्रा 32 पीपीएम है. भारत पर्ल बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक है. इस किस्म में उत्कृष्ट अनाज की गुणवत्ता के साथ 4-5 टन प्रति हेक्टेयर से अधिक उच्च उपज होती है.
एच एच 7 किस्म (H H 7 Variety)
बाजरे की यह किस्म जिसमें आयरन की मात्रा 42 पीपीएम और जिंक की मात्रा 32 पीपीएम है. इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी रोटियां बहुत स्वादिष्ट बनती हैं.
ऐसे ही उन्नत किस्मों से जुडी सभी जानकारियां जानने के लिए कृषि जागरण हिंदी पोर्टल से जुड़े रहिये