आधुनिकरण के साथ लोगों के रहन-सहन, खान-पान के तरीकों में बदलाव हो गया है. अब पारंपरिक फसलों की बजाए औषधियों, अलग-अलग तरह की पत्तियों की मांग काफी ज्यादा बढ़ गई है. किसान भी इन्हीं वैश्विक फसलों का उत्पादन करने लगे हैं जिससे उन्हें फसलों का अच्छा दाम मिलता है. ऐसी ही एक फसल है ओरिगैनो. बाजार में ओरिगैनो की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ने लगी है. पहले पिज्जा, पास्ता जैसे इटेलियन खाने में ही इसका इस्तेमाल होता था लेकिन अब हर तरह के खाने में इसका उपयोग होने लगा है. ऐसे में किसानभाई ओरिगैनो की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
क्या है ओरिगैनो- ओरिगैनो पुदीने की प्रजाति का सदस्य है. यह लैमियासी परिवार का पौधा है. कुछ क्षेत्रों में इसे वन तुलसी कहा जाता है. इसके फूल गुलाबी, बैंगनी और सफेद रंग के होते हैं, इसका स्वाद अजवायन के फूल जितना ही तेज होता है. इसकी कई तरह की वैराइटी होती है. इससे तेल भी बनता है. आईए जानते हैं ओरिगैनो की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी व जलवायु-ओरिगैनो की खेती के लिए सूखी, रेतीली मिट्टी जिसका पीएच मान 6 से 8 के बीच हो, उपयुक्त होती है, मिट्टी में अच्छी तरह जलनिकासी होनी चाहिए. इसकी खेती के लिए गर्मी और ज्यादा धूप की आवश्यकता होती है. ठंड के मौसम में पाले से बचाव जरूरी है.
खेत की तैयारीः ओरिगैनो की बुवाई से पहले खेत में अच्छी तरह जुताई कर लें. कल्टीवेटर चलाएं ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए या इसके बाद पलेवा कर दें. इसके बाद मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ युक्त खाद मिलाएं. ओरिगैनो के अच्छे विकास के लिए दानेदार जैविक खाद का उपयोग करें.
रोपाई का तरीकाः ओरिगैनो को दो तरीके से खेत में लगाया जा सकता है. पहला बीज विधि से, दूसरा ग्राफ्टिंग विधि से. बीज विधि से बुवाई करने के लिए बीज को खेत में 12 से 15 इंच की दूरी पर रोपें. ओरिगैनो के पौधे फैलते हैं इसलिए बीजों के बीच दूरी जरूरी है. वहीं ग्राफ्टिंग विधि से बुवाई करने से पहले पौधों की कटिंग में जड़ें उगाना जरूरी हैं. जड़ें निकलने के बाद ही रोपाई करें.
कहां से लें बीज/पौधे- ओरिगैनो की अलग-अलग किस्मों के बीज आपको ऑनलाइन मिल जाएंगे, इसके अलावा आप नजदीकी नर्सरी से भी जानकारी ले सकते हैं.
पौधों में सिंचाई- ओरिगैनो के पौधों को कम सिंचाई की आवश्यकता होती हैं. हालांकि पौधे रोपने के बाद तुरंत सिंचाई कर दें इसके बाद मिट्टी को पूरी तरह सूखने के बाद सिंचाई करें. ध्यान रहे कि खेत में बिल्कुल भी पानी जमा न हो.
पौधों की देखभाल- यह पौधे 1 से 2 फीट लंबे होते हैं. पौधों के 4 इंच लंबा होने पर आप कुछ पत्तों को तोड़ लें और नियमित रूप से छंटाई करते रहें. मृत तनों को काटते रहें.
ओरिगैनो की किस्में- ओरिगैनो की कई किस्में बाजार में उपलब्ध हैं जिनमें रोसेनकुप्पल (rosenkuppel), ऑरियम, चार्ली गोल्ड शामिल हैं.
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फसल कटाईः पौधों में फूल आने के बाद स्वाद बदल जाता है इसलिए फूल आने से पहले ही पत्तियों की कटाई कर लें. इसके बाद पत्तियों को इकट्ठा कर बंडल बना लें और उन्हें सुखा लें. इन सूखी हुई पत्तियों के दाम बाजार में काफी अच्छे मिलते हैं. इसके अलावा गीली पत्तियों से तमाम तरह की सॉस-चटनियां बनाई जाती हैं जिसकी बाजार में अच्छी डिमांड होती है, इसके अलावा ओरिगैनो का तेल भी बनता है. इसकी खेती के साथ, प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर कई गुना मुनाफा कमा सकते हैं.