Papaya Farming: पपीते की खेती से होगी प्रति एकड़ 12 लाख रुपये तक कमाई! जानिए पूरी विधि सोलर पंप संयंत्र पर राज्य सरकार दे रही 60% अनुदान, जानिए योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया केवल 80 से 85 दिनों में तैयार होने वाला Yodha Plus बाजरा हाइब्रिड: किसानों के लिए अधिक उत्पादन का भरोसेमंद विकल्प किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 7 December, 2024 5:13 PM IST
मशरूम की खेती , सांकेतिक तस्वीर

Mushroom Spawn: स्पॉन (बीज़) मशरूम उत्पादन की आधारशिला है. बटन मशरूम , ओयस्टर मशरूम या अधिकांश दुसरे मशरूम का स्पॉन (बीज़) तैयार करने के लिए विशेष वैज्ञानिक विधियां अपनाई जाती हैं. इसे तैयार करने के लिए एक स्वच्छ, संक्रमण-रहित वातावरण और सही विधि का पालन करना आवश्यक है. मशरूम के स्पॉन बनाने की प्रक्रिया को विस्तार से बताया गया है...

1. आवश्यक सामग्री

  • स्पॉन तैयार करने के लिए निम्नलिखित सामग्री और उपकरणों की आवश्यकता होती है जैसे:-
  • गेहूं के दाने (या कोई अन्य अनाज)
  • पोटैशियम परमैंगनेट और फॉर्मालिन (साफ-सफाई के लिए)
  • मशरूम का शुद्ध कल्चर (Pure culture)
  • कांच की बोतलें या प्लास्टिक बैग
  • ऑटोक्लेव या प्रेशर कुकर (घरेलू स्तर पर) स्टरलाइजेशन के लिए
  • लैमिनार एयर फ्लो चैम्बर (संक्रमण रहित काम करने के लिए)
  • स्पिरिट लैंप
  • कागज़ और रबर बैंड

2. प्रारंभिक तैयारी

गेहूं के दानों को साफ करने के बाद दानों को पानी में भिगोकर सभी गंदगी और हल्के वजन वाले दाने को हटा दें. इसके बाद इन्हें 12 घंटे तक साफ पानी में भिगोकर रखें. भिगोए हुए दानों को तब तक उबालें जब तक वे मुलायम न हो जाएं लेकिन टूटें नहीं. यह नमी सोखने के लिए किया जाता है. उबाले गए दानों को एक साफ कपड़े पर फैला दें और इन्हें सुखाएं ताकि सतह पर पानी न रहे. साफ-सफाई के लिए काम करने वाले क्षेत्र, उपकरण और बर्तन को फॉर्मालिन और पोटैशियम परमैंगनेट के घोल से साफ करें.

3. दानों का स्टरलाइजेशन

सूखे हुए दानों में चूने का पाउडर (1-2%) और जिप्सम (0.5%) मिलाएं ताकि दाने चिपकें नहीं. इन दानों को कांच की बोतलों या पॉलीबैग में भरें. बोतलों को 2/3 भाग तक भरें और ढक्कन पर कपड़ा लगाकर रबर बैंड से बांध दें.इन्हें प्रेशर कुकर या ऑटोक्लेव में 15 psi दबाव पर 1-2 घंटे तक स्टरलाइज करें.

4. शुद्ध कल्चर (Pure culture) का उपयोग

स्टरलाइज्ड दानों को ठंडा होने दें और इन्हें लैमिनार एयर फ्लो चैम्बर में ले जाएं. शुद्ध कल्चर (Pure culture) को साफ उपकरणों की मदद से इन स्टरलाइज्ड दानों में स्थानांतरित करें. बोतलों का मुंह बंद कर दें और इन्हें साफ वातावरण में रख दें.

5. स्पॉन का विकास (इनक्यूबेशन)

बोतलों को 22-25°C तापमान और 70-80% आर्द्रता वाले स्थान पर रखें. प्रकाश और हवा के सीधा संपर्क से बचाएं. मशरूम का कवकतन्तु (माइसेलियम) का फैलाव: 15-20 दिनों में माइसेलियम पूरे गेहूं के दानों पर फैलने लगता है. जब दाने पूरी तरह सफेद हो जाएं और उन पर माइसेलियम दिखाई दे तो समझे की स्पॉन उपयोग के लिए तैयार है.

6. पैकेजिंग और भंडारण

स्पॉन को छोटे बैग्स या कंटेनरों में पैक करें.इसे 4°C पर स्टोर करें. सही भंडारण में स्पॉन 2-3 महीने तक उपयोग के योग्य रहता है.

7. सावधानियां

स्पान बनाने के हर चरण में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. उपकरण और कार्यक्षेत्र को नियमित रूप से स्टरलाइज करें.तैयार स्पॉन में किसी अन्य रंग या गंध का होना खराब गुणवत्ता का संकेत है.तापमान नियंत्रण न होने पर माइसेलियम विकास बाधित हो सकता है.

सलाह: बटन मशरूम, ओयस्टर मशरूम या अधिकांश दुसरे मशरूम का स्पॉन बनाना एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है. बिना सही ट्रेनिंग या एक्सपोर्ट के स्पान नहीं बनाना चाहिए.

English Summary: Technique to make mushroom spawn tips
Published on: 07 December 2024, 05:17 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now