Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 6 February, 2023 4:43 PM IST
नाशपाती फसल में रोग-रोकथाम

मौसमी फल नाशपाती सेहत के लिए काफी लाभदायक है. नाशपाती का फल फाइबर से भरा होता है आयरन की मात्रा भी काफी ज्यादा होती है. हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए नाशपाती खाने की सलाह दी जाती है. इसके सेवन से बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी कम होती है. यही वजह है, कि लोग इसे खाना पसंद करते हैं और बाजार में मांग भी रहती है. इसलिए किसान खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. लेकिन अच्छा उत्पादन हासिल करने के लिए फसल की देखभाल करना जरूरी है फसल को रोगों से भी बचाना जरूरी है आइये जानते हैं रोग और उनके बचाव 

1.मकोड़ा जूं 

यह पत्तों को खाते हैं और रस चूसते हैंजिससे पत्तें पीले पड़ने शुरू हो जाते हैं. रोकथाम के लिए घुलनशील सल्फर 1.5 ग्राम या प्रोपरगाइट मि.ली. या फेनेजाक्वीन मि.ली. या डिकोफॉल 1.5 मि.ली. को पानी में मिलाकर स्प्रे करें.

2. टिड्डा

फूल चिपकवे हो जाते हैं और प्रभावित भागों पर काले रंग की फंगस जम जाती हैरोकथाम के लिए कार्बरील किलो या डाईमेथोएट 200 मि.ली. को 150 लीटर पानी में मिला कर स्प्रे करें.

3. चेपा और थ्रिप्स

यह पत्तों का रस चूसते हैंजिससे पत्ते पीले पड़ जाते हैं. यह शहद जैसा पदार्थ छोड़ते हैंजिस कारण प्रभावित भागों पर काले रंग की फंगस बन जाती हैरोकथाम के लिए फरवरी के आखिरी हफ्ते में इमीडाक्लोप्रिड 60 मि.ली. या थाईआमिथोकसम 80 ग्राम को प्रति 150 लीटर पानी में डालकर स्प्रे करेंदूसरी स्प्रे मार्च महीने में पूरी तरह से धुंध बनाकर करें और तीसरी स्प्रे फल के गुच्छे बनने पर करें.

4. नाशपाती का धफड़ी रोग

पत्तों में काले धब्बे दिखाई देते हैंबाद में यह धब्बे स्लेटी रंग में बदल जाते हैंप्रभावित भाग टूट कर गिर जाते हैंबाद में यह धब्बे फलों के ऊपर दिखते हैं. रोकथाम के लिए कप्तान ग्राम प्रति लीटर की स्प्रे पौधे की निष्क्रिय समय से शुरू करके पत्ते झड़ने के समय तक 10 दिनों के फासले पर करेंप्रभावित फलोंपौधे के भागों को हटा दें और खेत से दूर ले जाकर नष्ट करें. 

5. जड़ का गलना

पौधे की छाल और लकड़ी भूरे रंग की हो जाती है और इस पर सफेद रंग का पाउडर दिखाई देता है. प्रभावित पौधे सूखना शुरू हो जाते है. इनके पत्ते जल्दी झड़ जाते हैं. रोकथाम के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 400 ग्राम को 200 लीटर पानी में मिला कर मार्च महीने में स्प्रे करें. जून में दोबारा स्प्रे करें.  

कटाई और छंटाई

नाशपाती के पौधे की शाखाओं को मज़बूतअधिक पैदावार और बढ़िया गुणवत्ता के फल हासिल करने के लिए कटाई और छंटाई की जाती है. इसके लिए बीमारी-ग्रस्तनष्ट हो चुकीटूटी हुई और कमज़ोर शाखाओं की टहनियों को काट कर पेड़ से अलग कर देना चाहिए.

ये भी पढ़ें ः नाशपाती के पेड़ से अधिकतम उपज कैसे लें?

फल की तुड़ाई

नाशपाती के फलों की तुड़ाई जून के पहले सप्ताह से सितम्बर के बीच की जाती है. नज़दीकी मंडियों में फल पूरी तरह से पकने के बाद और दूरी वाले स्थानों पर ले जाने के लिए नाशपाती के हरे फल तोड़े जाते हैं. नाशपाती के फल की तुड़ाई का समय किस्म के आधार पर तय होता है. फलों के पकने के लिए करीब 145 दिनों की जरूरत होती हैजबकि सामान्य नरम किस्म के लिए 135 से 140 दिन में फल पक कर तुड़ाई के लिए तैयार हो जाता है.

English Summary: Take care of pear crop for good yield, avoid these diseases
Published on: 06 February 2023, 04:50 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now