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Updated on: 28 March, 2024 4:52 PM IST
जिमीकंद की खेती से किसान कमा सकते है मोटा मुनाफा

भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां की आधे से ज्यादा आबादी आज भी खेती पर निर्भर है. यही वजह है की यहां बड़े स्तर पर खेती की जाती है. जहां पहले किसान पारंपरिक फसलों को ज्यादा महत्व देते थे. वहीं, अब किसान धीरे-धीरे अधिक मुनाफा देने वाली फसलों की खेती कर रहे हैं. ऐसी ही एक फसल है जिमीकंद. जिसे उत्तर भारत के कई राज्यों में ओल भी कहा जाता है. अप्रैल की शुरुआत में किसान इस फसल की खेती कर पांच गुना मुनाफा कमा सकते हैं. जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की गेंहू और धान के एकड़ की खेती जितना लाभ किसानों को मिलेगा. उतना लाभ किसान कठ्ठे भर में जिमीकंद की खेती से कमा सकते हैं. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक प्रमोद कुमार के मुताबिक, जिमीकंद की खेती से किसान अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं. जिमीकंद की खेती शुरू करने का सबसे अच्छा समय अप्रैल है. उन्होंने बताया कि ओल की खेती के लिए सिंचाई व्यवस्था उचित होनी चाहिए. इसके अलावा, इसमें ऑर्गेनिक खाद्य का इस्तेमाल करना चाहिए. जिससे फसल काफी अच्छी होती है. क्योंकि, बरसात का मौसम जुलाई में शुरू होता है. इसलिए किसानों को समय रहते सिंचाई व्यवस्था कर लेनी चाहिए. उन्होंने बताया कि जिमीकंद की फसल 7 से 8 महीने में तैयार हो जाती है. अप्रैल में बुवाई के बाद नवंबर में फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है. उन्होंने बताया कि एक कट्ठे में जिमीकंद की खेती कर किसान 20 से 25 हजार रुपए तक कमा सकते हैं.

सही मिट्टी का करें चयन

उन्होंने बताया कि इसकी खेती के लिए सही मिट्टी का चयन बेहद जरूरी है. किसानों के लिए जिमीकंद की खेती के लिए रेतीली दोमट प्रकार की मिट्टी की तलाश करनी चाहिए. जिसमें जल निकासी अच्छी हो और जिसमें कार्बनिक पदार्थ हों. एक बार जब सही मिट्टी का चयन हो जाए, तो दो फीट की दूरी पर और 40 मीटर के गड्ढों में जिमीकंद की बुवाई करें. इसके लिए दो केजी के जिमीकंद को चार भागों में काटकर एक एक गड्ढे में मिट्टी से एक इंच नीचे लगा सकते है.

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इस बात का रखें विशेष ध्यान

इसमें किसानों को इस बात का ख्याल रखना बेहद जरूरी है कि कटे हुए ओल में गढ्ढा हो. ये ओल देसी ओल की तुलना में पांच गुना बड़ा होता है. देसी ओल जहां तीन साल में तैयार होता है. वहीं ये प्रभेद के ओल आठ महीने में तैयार हो जाते हैं. इसकी खेती के लिए एनपीके (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, और पोटैशियम) का अनुपात 100:60:80 का होना चाहिए. इसके साथ सप्ताह में एक बार पटवन करना जरूरी है. जिसके बाद 20 से 23 दिन में इसके पौधे निकलने लगते हैं.

आठ महीने में मिलेगी बंपर पैदावार

उन्होंने बताया कि अगर आप 140 क्विंटल जिमीकंद लगाएंगे तो आठ महीने में ये 500 क्विंटल हो जाएगा. इस प्रकार के जिमीकंद को उगाना आसान है. क्योंकि इसे कीड़े या जानवरों से नुकसान नहीं पहुंचता है. जिमीकंद का एक 500 ग्राम का तुकड़ा आठ महीने में 2 से 2.5 किलो तक हो जाता है. उन्होंने बताया कि बजार में इसे आसानी से 40 रुपये प्रति किलो में बेचा जा सकता है. इस हिसाब से किसान इससे अच्छी कमाई कर सकते हैं.

English Summary: suran ki kheti yam farming jimikand cultivation kharif season crops
Published on: 28 March 2024, 04:53 PM IST

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