Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 18 April, 2022 4:00 PM IST
कपास की फसल

किसानों के लिए अधिक लाभ कमाने के लिए कपास की बुवाई का समय शुरू होने वाला है. ऐसे में किसान भाई अपने खाली पड़े खेतों में अगली फसल लगाने के लिए तैयार हैं. अगर आप भी अपने खेत में कपास की बुवाई करना चाहते हैं, तो आपको इसकी बुवाई की प्रक्रिया अभी से करना शुरू कर देनी चाहिए.

आपको बता दें कि किसानों के लिए कपास की बुजाई का उचित समय 15 अप्रैल से 15 मई तक माना जाता है. इस दौरान आप कपास की बुवाई कर अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन गर्मी अधिक होने के कारण कपास के पौधे झुलसने लगते हैं. देखा जाए, तो अगेती बुजाई में गर्मी की मार से कपास के पौधे को बचाया जा सकता है. जब तब गर्मी अपना प्रकोप दिखाना शुरू करेंगी कपास की फसल (cotton crop) अच्छे से तैयार हो चुकी होगी और साथ ही समय पर सिंचाई करने से भी कपास को गर्मी से बचाया जा सकता है. अगर आप रेतीले इलाके में रहते है, तो आपको कपास की अगेती बिजाई (early sowing of cotton) करनी चाहिए. इससे आपको अधिक लाभ प्राप्त होगा.

कपास के लिए भूमि की तैयारी (Land preparation for cotton)

कपास की अच्छी पैदावार (good cotton yield) के लिए खेत का भी अच्छे से तैयार होना बेहद जरूरी होता है. वैसे तो कपास की खेती सभी तरह की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन रेतीली, लूणी व सेम वाली मिट्टी को इसके लिए उत्तम नहीं माना जाता है. कपास की खेती (cotton cultivation) के लिए खेत में लगभग 2 से 3 बार अच्छे से गहरी जुताई करें. पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल की सहायता से करें और फिर दूसरी जुताई हैरो से करें. अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए प्रत्येक जुताई के बाद सुहागा जरूर लगाएं.

ऐसे करें कपास की बिजाई (How to sow cotton)

कपास की बिजाई हमेशा बीज-उर्वरक संयुक्त ड्रिल या प्लांटर की सहायता से करनी चाहिए या फिर एक कतार वाले ड्रिल की सहायता से भी आप कर सकते हैं. बीजों को लगभग 4 से 5 सेंटीमीटर गहरा बोंए और साथ ही कतार की दूर लगभग 67.5 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए. इसके अलावा पौधे से पौधे की दूसरी 30 सेंटीमीटर तक रखें. ठीक इसी प्रकार से संकर व बीटी कपास की बिजाई (Sowing of hybrid and Bt cotton) एक कतार में 67.5 सेंटीमीटर और पौधों की दूरी 60 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए.

जैसे कि हमने आपको ऊपर बताया ही कपास की बिजाई का उपयुक्त समय 15 अप्रैल से 15 मई तक होता है. इसके किसान अभी से अपने खेतों में कपास की बुवाई करना शुरू कर दें. ताकि अधिक गर्मी होने तक आपको कपास से नुकसान की बजाए अधिक मुनाफा होगा.

English Summary: Suitable time for sowing cotton from 15th April to 15th May
Published on: 18 April 2022, 04:03 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now