Soil Conservation: बढ़ते शहरीकरण के कारण मिट्टी की संरक्षण करना बहुत ही मुश्किल होता जा रहा है. मृदा संरक्षण से तात्पर्य मृदा को क्षरण होने से बचाना और इसे खेती योग्य भूमि बनाए रखना होता है. खेती की मिट्टी की सुरक्षा करने का उद्देश्य भविष्य की पीढ़ियों के लिए मिट्टी की उत्पादकता, उर्वरता और स्वास्थ्य को संरक्षित करना है. मिट्टी का स्वास्थ्य पौधों की वृद्धि, जल निस्पंदन, कार्बन भंडारण और विभिन्न जीवों के लिए आवास प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आज हम इसके संरक्षण और लाभ के बारे में आपको बताने जा रहे हैं.
मृदा संरक्षण का तरीका
समोच्च जुताई:
खेती की मिट्टी की समोच्च रेखा में जुताई करने से इसमें पानी के बहाव को धीमा होने से मिट्टी का कटाव कम होने से इसमें नमी बनी रहती है. इस तकनीक में मिट्टी का उपजाऊपन बढ़ता है और तेज हवाओं में भी इसकी सुरक्षा हो पाती है.
टेरेसिंग:
टेरेसिंग तकनीक को खड़ी ढलान वाले मिट्टी पर चौड़े, समतल पट्टियों का निर्माण किया जाता है. यह तरीका खेती में पानी के बहाव को धीमा कर देता है और मिट्टी के पोषक तत्व भी बह नहीं पाते हैं.
विंडब्रेक:
विंडब्रेक माध्यम में पेड़ों की बड़ी कतारों को खेतों के किनारों पर लगाया जाता है. यह वृक्ष हवा की गति को कम करते हैं जिससे मिट्टी का कटाव कम होता है. इसके अलावा यह वन्यजीवों को आवास भी प्रदान करता हैं और जैव विविधता में योगदान करता हैं.
मृदा संरक्षण के लाभ
मृदा संरक्षण से हमारे पर्यावरण और खेती पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. आइये इसके कुछ संरक्षण के तरीकों के बारे में जानते हैं.
उत्पादकता में बढ़ोत्तरी
मृदा संरक्षण मिट्टी की उर्वरता, संरचना और स्वास्थ्य को बढ़ाता है, जिस कारण मिट्टी की कृषि उत्पादकता निरंतर बनी रहती है. मिट्टी में होने वाले कटाव, पोषक तत्वों की कमी और मिट्टी के क्षरण को कम करके किसान उच्च गुणवत्ता वाली फसलों का उत्पादन कर पाते हैं.
मृदा क्षरण से सुरक्षा
इस बढ़ते शहरीकरण में मृदा क्षरण एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है. इससे मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है. बचाव के लिए मि्ट्टी में समोच्च जुताई, सीढ़ीदार खेती और कवर क्रॉपिंग के तरीकों को अपनाकर खेत की मिट्टी के कटाव को कम किया जाता है, जो खेत में बढ़ रही फसलों की मांग को पूरा करने में मदद करता है.
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जलवायु परिवर्तन से बचाव
मृदा संरक्षण से कार्बन पृथक्करण को बढ़ावा मिलता है और यह जलवायु परिवर्तन को कम करने में भी योगदान देता है. स्वस्थ मिट्टी कार्बन सिंक के रूप में कार्य करती है और वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर इसे संग्रहीत करती है. जो हमारे फसलों के उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है.