भारतीय बाजार में केसर अपनी कीमत के लिए जाना जाता है. जैसे कि आप जानते ही हैं, केसर मुख्य रूप से कश्मीर में उगाया जाता है और इसकी मांग दुनिया भर में बहुत ज्यादा है. मार्केट में यह प्रति किलो 3 से 3.5 लाख रुपए तक बिकता है. ऐसे में यदि किसान इसे उगाते हैं, तो शानदार मुनाफा कमा सकते हैं. वहीं, इसकी खेती अब केवल खेतों तक ही सीमित नहीं रहा अब इसे किसान आसानी से इनडोर यानी अपने घर पर भी उगाकर शानदार मुनाफा कमा रहे हैं. एक ही ऐसे ही हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के रहने वाले युवा किसान गौरव सभरवाल भी हैं. जो एरोपोनिक तकनीक की मदद से घर पर केसर की खेती करते हैं. ऐसे में आइए उनकी सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं-
एरोपोनिक तकनीक क्या है?
एरोपोनिक तकनीक एक आधुनिक खेती पद्धति है, जिसमें मिट्टी का उपयोग नहीं होता. इसमें पौधों की जड़ों को हवा में लटकाया जाता है और उन्हें पोषक तत्वों से भरपूर पानी का छिड़काव किया जाता है. यह तकनीक कम जगह में अधिक उपज देने की क्षमता रखती है और इसके जरिये केसर जैसी मूल्यवान फसल उगाई जा सकती है.
इनडोर केसर खेती की प्रक्रिया
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बल्ब की उपलब्धता: केसर के बल्ब तकनीक का इस्तेमाल करें और ध्यान रखें ये बल्ब उच्च गुणवत्ता वाले और फूल देने में सक्षम हो.
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स्थल और वातावरण: आप अपने घर के एक छोटे कमरे (लगभग 300 स्क्वायर फीट) में खेती शुरू कर सकते है.
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तापमान और नमी नियंत्रण: इनडोर खेती के लिए कमरे में तापमान और नमी का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. ताकि बल्ब सही समय पर अंकुरित हो.
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मिट्टी और पोषण: हल्की और जल निकासी वाली मिट्टी का उपयोग करें साथ ही, आवश्यक पोषक तत्वों का समय-समय पर छिड़काव करते रहें.
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सिंचाई प्रणाली: कम मात्रा में, पर नियमित सिंचाई करें ताकि बल्ब सड़ें नहीं.
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प्रकाश व्यवस्था: कमरे में प्राकृतिक और आर्टिफिशियल लाइट का संतुलन बनाए रखें.
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फसल देखभाल: नियमित निरीक्षण और रोग/कीट प्रबंधन करें.
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उपज और लाभ: छोटे क्षेत्र में भी पर्याप्त फूल और केसर मिल सके, जिससे आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ.
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तकनीक की महत्वता: इनडोर खेती से मौसम या बाहरी परिस्थितियों पर निर्भरता कम होती है और सालभर उत्पादन संभव हुआ.
बाजार और मांग
भारत में केसर की खपत बहुत अधिक है, लेकिन उत्पादन कम होने के कारण 94% केसर ईरान से आयात होता है. इसकी वजह से केसर महंगा हो जाता है. वहीं सेल में केसर लगभग 2.5 लाख रुपये प्रति किलो बिकता है, जबकि आप इसे रिटेल में 5 लाख रुपये तक इस तकनीक का इस्तेमाल कर बेच सकते है.