RFOI Award 2025: UP के सफल किसान मनोहर सिंह चौहान को मिला RFOI अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित RFOI - First Runner-Up: सफल किसान लेखराम यादव को MFOI Awards 2025 में मिला RFOI-फर्स्ट रनर-अप अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित RFOI Award 2025: केरल के मैथ्यूकुट्टी टॉम को मिला RFOI Second Runner-Up Award, 18.62 करोड़ की सालाना आय से रचा इतिहास! Success Story: आलू की खेती में बढ़ी उपज और सुधरी मिट्टी, किसानों की पहली पसंद बना जायडेक्स का जैविक समाधान किसानों के लिए साकाटा सीड्स की उन्नत किस्में बनीं कमाई का नया पार्टनर, फसल हुई सुरक्षित और लाभ में भी हुआ इजाफा! Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 18 June, 2023 4:59 PM IST
Organic Farming Part- 2

फर्टिलाइजर के प्रयोग एवं भारी मशीनें (जैसे ट्रैक्टर रोटावेटर आदि) से की जा रही गहरी जुताई से मिट्टी में भीतर एक ठोस परत बनती जाती है। असल में वह मिट्टी को दो भागों में बांट देती है। एक वह जो हमें जुताई के बाद ऊपर से देख रही है और दूसरी वह जो उस परत के नीचे हैं जिसमें पुरानी जड़े और जीवाश्म आदि जैविक तत्व मौजूद है।

अब किसानों को यह सीख दी जाती है कि बीज को गहरा रोपे ताकि गहराई में मौजूद जैविक तत्वों को प्राप्त कर पायें लेकिन भीतर बन चुकी वह कठोर परत पौधों की जड़ों को गहराई में दबे जैविक तत्व तक पहुंचने नहीं देती। एक तो इसमें किसानों की दुगनी मेहनत और समय लगता है और दुसरा वह ठोस परत पौधों की जड़ों को दुसरी तरफ नहीं पहुंचने देती।

इसी के स्थान पर यदि सर्फेस कल्टीवेशन (सतह पर हल्के साधनों से की जाने वाली जुताई) की जाए तो इस समस्या का हल हो सकता है। मिट्टी में पुरानी दबी जड़े जब बैक्टीरिया/ फंगस द्वारा सड़ा दी जाती है तो इसके दो फायदे होते हैं। एक तो वहां कार्बन/ह्यूमस आदि जैविक तत्व उपस्थित होने के साथ-साथ बैक्टीरिया और फगंस की संख्या में वृद्धि होती है। दूसरा ने पौधों की जड़ों को तेजी से गहराई में जाने के लिए पहले से बना एक रास्ता मिल जाता है जो पौधों को मजबूत बनाता है।

ट्रैक्टर के प्रयोग से एक नुकसान यह भी है कि मिट्टी की सघनता बढ़ने से नीचे का पानी ऊपर या ऊपर का पानी नीचे नहीं जा पाता। जल किसी समतल तलाब की तरह खेत में फैलता है या बह जाता है। भूमि से पौधों को केवल वहीं जल मिल पाता है जो भूमि की ऊपरी सतह में है।

ये भी पढ़ें: अंजीर की खेती कैसे करें, कितनी होगी कमाई

घनत्व बढ़ने से पौधों की जड़ें बहुत गहराई तक नहीं पहुंच पाती कि वे स्वत: ही पौधे के लिए गहराई में जाकर जल ढोने का काम कर सके।

पहले अंक पर जाने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.
रबीन्द्रनाथ चौबे कृषि मीडिया बलिया उत्तरप्रदेश।

English Summary: Simple and sustainable option than organic farming chemical method
Published on: 18 June 2023, 05:06 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now