Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 26 November, 2022 1:41 PM IST
बीज असली है या नकली- ऐसे पहचानें, ये हैं बीज जांचने के सबसे आसान तरीके

फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए किसान महंगे से महंगे दामों में बीज खरीदते हैं. लेकिन कई बार किसानों के साथ धोखाधड़ी हो जाती है और ज्यादा पैसे खर्च करने के बाद भी किसानों को असली बीज प्राप्त नहीं हो पाते. ऐसे में फसल उत्पादन (Crop Production) कम होता है. आज के इस लेख में हम आपको कुछ टिप्स देने जा रहे हैं जिनके जरिए आप असली और नकली बीजों की पहचान कर सकते हैं.

क्यों बीजों की पहचान करना है जरूरी-

प्लांट ब्रीडिंग एंड जेनेटिक्स एक्सपर्ट्स (Plant Breeding and Genetics Experts) का कहना है कि अच्छे उत्पादन के लिए किसानों को बीज अंकुरण परीक्षण करवा लेना चाहिए. अगर अंकुरण अच्छा हो तो बीज बेहतर माना जाता है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बीज परीक्षण में 80 से 90 फीसदी अंकुरित हो जाएं तो खेती के लिए बेहतर है. 60 से 70 फीसदी अंकुरण हो तो बीजदर बढ़ाना चाहिए. अगर इससे भी कम अंकुरण हो तो बीज बदलना ही उपयुक्त होता है. आईए जानते हैं बीज परीक्षण के घरेलू तरीके.

सूती कपड़ा विधि- यह विधि बीज परीक्षण की सबसे सरल विधि है. इसमें 100 बीजों को सूती कपड़े या जूट की बोरी में दूर-दूर रखा जाता है. फिर कपड़े या बोरी को गीला कर ढंककर अंधेरी जगह रख देते हैं. पांच दिन बाद बीजों में अंकुरण हो जाता है. इसके बाद उगे हुए बीजों को गिन कर उनका प्रतिशत निकाला जाता है.

अखबार विधि- बीजों की अंकुरण क्षमता मापने की यह अच्छी विधि है. इसमें अखबार के पेज को चार समान हिस्सों में मोड़ लिया जाता है. फिर बीजों को कतार में बिछा कर मोड़े हुए पेपर के दोनों छोरों को धागे से बांध दिया जाता है. पेपर को गीला कर पॉलीथीन में रख उसका मुंह बांध कर रख दिया जाता है. इसके 5 दिन बाद बीजों में अंकुरण का प्रतिशत निकाला जाता है.

इसके अलावा किसान भाई चाहें तो बीज प्रमाणीकरण प्रयोगशाला में बीज की निःशुल्क जांच कराकर उसकी अंकुरण क्षमता की जांच करवा सकते हैं. बीज प्रमाणीकरण प्रयोगशाला में बीज के नमूने जमा करने के एक सप्ताह बाद किसान को रिपोर्ट सौंप दी जाती है. यह जांच पूरी तरह निःशुल्क होती है. इसके अलावा आप मोबाइल ऐप के माध्यम से भी असली-नकली बीज की पहचान कर सकते हैं.

इसके लिए सबसे पहले आपको प्लेस्टोर से डिजिटल किसान ऐप (Digital Kisan App) डाउनलोड करना है, जिसका पूरा नाम Digital Kisan Haryana है. यह ऐप केवल एक मिनट में किसानों को असली व नकली बीजों की जानकारी देता है. आप ऐप डाउनलोड कर गुणपत्ता जांच के ऑप्शन पर क्लिक करें, इसके बाद क्यूआर कोड को सेलेक्ट करें. बीज के पैकेट पर छपे क्यूआर कोड को स्कैन करें, ऐसा करते ही बीज असली है या नकली इसका पूरा ब्योरा आपके मोबाइल की स्क्रीन पर आ जाएगा.

यह भी पढ़ें: उर्वरक खरीदने जा रहे हैं तो साथ रखें ये डॉक्यूमेंट, नहीं तो खाली हाथ लौटना पड़ेगा

वहीं ऐसे किसान जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है वह बीज के पैकेट पर छपे बार कोड (Seed Barcode Packet) को निर्धारित नंबर पर एसएमएस भेजकर बीजों की गुणवत्ता की जानकारी (Seed Quality Information) हासिल कर सकते हैं. अगर पैकेट पर बारकोड या स्कैन कोड नहीं है तो बीज निर्माता कंपनी (Seed Manufacturing Company) पर कार्रवाई भी हो सकती है. इस ऐप के द्वारा किसानों को खेती संबंधी, मौसम संबंधी जानकारी भी दी जाती है.

English Summary: Seed is real or fake - identify such, know the easiest ways to check the seed
Published on: 26 November 2022, 01:47 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now