Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 16 September, 2021 6:04 PM IST
Wheat

New Wheat Varieties: वैसे तो किसानों की सहूलियतों के लिए तमाम तरह के कदम उठाए जाते हैं. कभी किसी सरकारी योजनाओं के जरिए उन्हें लाभ पहुंचाने की कोशिश की जाती है, तो कभी किसी बड़े फैसले के जरिए उन्हें सुविधा प्रदान किया जाता है, ताकि वे अधिक लाभ अर्जित किया जा सकें. वहीं, इस बीच जब से केंद्र सरकार ने आगामी 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का ध्येय निर्धारित किया है, तब से इस काम में और तेजी आई है.

अब इसी कड़ी में किसानों की आय में इजाफा करने की दिशा में ‘भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान’ की तरफ से गेहूं की तीन नई किस्में विकसित की गई हैं. गेहूं की ये किस्में अन्य किस्मों की तुलना में अर्थ के दृष्टिकोण से उपयोगी मानी जा रही है. गेहूं की ये किस्में किसान भाइयों को अच्छा मुनाफा अर्जित करने में उपयोगी रहेंगी. आइए, आगे आपको गेहूं की इन नवीनतम किस्मों के बारे में विस्तार से बताते हैं.

गेहूं की नई किस्में (New Wheat Varieties)

गेहूं की इन नई किस्मों के बारे में विस्तार से जानने से पहले आप यह जान लीजिए कि ‘भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान’ की तरफ गेहूं की तीन नई किस्में विकसित की गई है, जिसमें डीबीडब्ल्यू- 296, डीबीडब्ल्यू-327 और डीबीडब्ल्यू-332 शामिल हैं. हालांकि, अब तक बहुत सारी किस्में विकसित की जा चुकी है, लेकिन उक्त किस्में किसानों के लिए लाभ के दृष्टिकोण से काफी उपयोगी मानी जा रही है.

वहीं, अगर भौगोलिक दृष्टिकोण से देखें, तो ये किस्में मैदानी इलाकों के किसानों के साथ–साथ पहाड़ी इलाकों के किसानों के लिए भी लाभ के दृष्टि से काफी उपयोगी मानी जा रही है. पहाड़ी इलाकों में जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड जैसे राज्यों में रहने वाले किसानों के लिए यह किस्म किसी कुबेर के खजाने से कम नहीं है. वहीं, पहाड़ी इलाकों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में रहने वाले किसानों के लिए भी यह किस्म कुबेर के खजाने के जैसा ही माना जा रहा है.

कृषि विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि आने वाले दिनों में बाजार में इन किस्मों की बड़े पैमाने पर मांग रहने वाली है, जिसको ध्यान में रखते हुए आने वाले दिनों में इसकी खेती जाएगी. खैर, यह तो रहा है कि आखिर कैसे किसानों के लिए यह किस्में उपयोगी रहेंगी. आइए, अब आगे इस लेख में इन किस्मों के बारे में विस्तार से जानते हैं.

डीबीडब्ल्यू -296 (DBW-296)

गेहूं की यह किस्म बिस्किट बनाने के लिहाज से काफी उपयोगी मानी जा रही है. इसकी सबसे खास बात यह है कि इसमें गर्मी को सहन करने की असीम क्षमता है. किसान भाई इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा आर्जित कर सकते हैं. बाजार में सदैव इसकी मांग रहती है.

इसका औसत उत्पादन प्रति हैक्टेयर 56.1 क्विटल से 83.3 क्विटल तक है. वहीं, आगामी दिनों में किसान भाइयों की इसकी खेती करने के बाद उनकी निजी अनुभव इसे लेकर क्या कुछ कहता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा. आइए, अब आगे गेहूं की दूसरी किस्म के बारे में जानते हैं. 

डीडीडब्ल्यू-332 (DDW-332)

इस किस्म की सबसे खास बात यह है कि इसमें अन्य किस्मों की तुलना में रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्याद है. इसमें प्रोटिन और  यरन भी अन्य किस्मों की तुलना में अधिक मात्रा में पाई जाती है. इसका प्रति हैक्टेयर औसत उत्पादन 78.3 क्विटल से लेकर 83 क्विटल तक आंका गया है. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में किसान भाई भारी मात्रा में खेती करेंगे.

डीबीडब्य्यू-327 (DBW-327)

इस किस्म की सबसे खास बात यह है कि इसका उपयोग चपाती बनाने के लिए किया जाता है. बाजार में इसकी मांग सदैव रहती है. यह अन्य  किस्मों की तुलना में  अधिक पैदावार करती है. यह पोट्रिनयुक्त मानी जाती है. अर्थ के लिहाज से भी यह किस्म किसानों के लिए काफी उपयोगी मानी जाती है.

गौरतलब है कि जब से केंद्र सरकार ने आगामी 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, तब से किसानों की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए नई-नई किस्मों को विकसित किया जा रहा है. अब ऐसे में आने वाले दिनों में इन किस्मों की पैदावार के बाद किसानों की आय में क्या कुछ इजाफा होता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा. तब तक के लिए आप कृषि क्षेत्र से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए... कृषि जागरण.कॉम  

English Summary: Scientists know three new varieties of wheat, its specialty
Published on: 16 September 2021, 06:10 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now