अगले 2 दिन इन राज्यों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना, पढ़ें आईएमडी की लेटेस्ट रिपोर्ट! खेती को बनाए आसान, वीएसटी 165 DI ES इलेक्ट्रिक स्टार्ट पावर टिलर इस्तेमाल कर कम लागत में करें ज्यादा काम! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 20 December, 2022 4:51 PM IST
चने की नई किस्म, सूखे में देगी बंपर पैदावार

भारत में चने की खेती पूरे विश्व में सबसे अधिक की जाती है, तभी तो भारत दुनिया का सबसे बड़ा चना उत्पादन देश है. चने स्वास्थय के लिए बहुत ही लाभदायक माना जाता है, क्योंकि यह प्रोटीन से भरपूर होता है. अब सरकार भी दलहनी फसलों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है. जिसके लिए सरकार के साथ कृषि वैज्ञानिक भी किसानों का काम आसान बनाने के लिए नई तकनीक व किस्में ईजाद कर रहे हैं. इसी कड़ी में आईसीएआर-आएआरआई ने काबुली चने की एक नई किस्म इजाद की है, जो कम पानी वाले व सूखाग्रस्त क्षेत्रों में बंपर उत्पादन देगी.

पूसा जेजी 16

भारत में चने की खेती रबी सीजन में की जाती है और यह सर्द ऋतु की मुख्य फसल है.आईसीएआर-आईएआरआई के वैज्ञानिकों ने काबुली चने की एक नई किस्म विकसित की है, जिसका नाम पूसा जेजी 16 रखा गया है. बता दें यह किस्म उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, दक्षिणी राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात व महाराष्ट्र के कम पानी वाले क्षेत्रों में य आसानी से उगाई जा सकती है. वैज्ञानिकों का दावा है कि किसान इस नई किस्म से सूखा प्रभावित क्षेत्र से 1.3 टन से 2 टन प्रति हेक्टेयर उत्पादन पा सकते हैं. बता दें कि कृषि वैज्ञानिकों ने J.G.16 में ICC 4958 विविधता को जीनोमिक सहायक प्रजनन तकनीकों का उपयोग करके यह नई किस्म विकसित की है.  

सूखा में भी बंपर उत्पादन

कृषि वैज्ञानिक ने काबुली चने की पूसा जेजी 16 किस्म का ईजाद मुख्य रूप से सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए ही किया है, जो कम पानी में भी अच्छा उत्पादन देती है. आंकड़ों पर नजर डालें तो कम सिंचाई व सूखे के कारण चने की फसल का 50 से 100 फीसदी नुकसान होता है. मगर अब किसानों की इस परेशानी का रास्ता निकाल दिया है, किसान पूसा जेजी 16 की खेती कर मौसम की विकट परिस्थितियों में भी बंपर उत्पादन पा  सकते हैं.

ये भी पढ़ें:अधिक पैदावार के लिए उगाएं चने की ये नई क़िस्म, मिलेगी 12 प्रतिशत अधिक पैदावार

चने की होगी हार्वेस्टर से कटाई

देखा जाए तो चने के पौधे छोटे होते हैं, जिनकी हार्वेस्टर से कटाई नहीं हो पाती थी और किसानों को फसल की कटाई में बहुत वक्त लगता था. इसे  देखते हुए हाल ही में कृषि वैज्ञानिकों ने जवाहर चना 24 किस्म इजाद की, जिनके पौधे लंबे होते हैं तथा उन्हें हार्वेस्टर से भी काटा जा सकता है, जिससे अब किसानों को वक्त व श्रम दोनों की बचत हो रही है.

English Summary: Scientists have developed a new variety of gram 'Pusa JG 16
Published on: 20 December 2022, 05:02 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now