Sugarcane Crop: भारत के कई राज्यों में किसानों ने शीतकालीन गन्ने की बुवाई करना शुरू कर दी है. ऐसे में अगर किसान अपने खेत में गन्ने की सही तरीके से बुवाई करते हैं, तो वह अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं. इसी क्रम में कृषि वैज्ञानिकों ने गन्ने की बुवाई के लिए कुछ सावधानियां बरतने की सलाह जारी की है. दरअसल, किसानों को गन्ने की अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए खेत की अच्छे तरीके से जुताई करनी चाहिए और साथ ही खेत में उच्च क्वालिटी में खाद को भी डालना चाहिए. ताकि फसल में तेज से वृद्धि हो सके और साथ ही इसमें किसी तरह को कोई रोग न लग सके.
ऐसे में आइए आज की इस खबर में हम जानते हैं कि किसान कैसे किसान गन्ने की वैज्ञानिक विधि से बुवाई कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं-
शीतकालीन गन्ने की बुवाई से पहले करें ये काम
अगर आप अपने खेत में हाल-फिलहाल में शीतकालीन गन्ने की बुवाई करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको सबसे पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए. इसके बाद खेत में आपको प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 10 टन गोबर खाद को डालना चाहिए. ताकि खेत में मौजूद रोग नष्ट हो सके और फसल अच्छे से विकसित हो सके.
इसके बाद आपको एक बार फिर से खेत की जुताई करनी है और बाद में पाटा चलाकर मिट्टी को समतल बना लेना है. इतना करने के बाद आप अब खेत में सिंगल बड़ से गन्ने की बुवाई कर सकते हैं. सिंगल बड़ विधि से गन्ने की बुवाई करने प्रति हेक्टेयर 10-12 क्विंटल गन्ने का बीज किसान सरलता से लगा सकते हैं.
गन्ने की बुवाई में रासायनिक खाद का उपयोग
गन्ने की बुवाई के दौरान प्रति हेक्टेयर 100 किलो यूरिया और 500 किलो सिंगल सुपर फास्फेट दें.
एमओपी- प्रति हेक्टेयर 100 किलो
जिंक सल्फेट- प्रति हेक्टेयर 25 किलो
रीजेंट - प्रति हेक्टेयर 25 किलो
बवेरिया बेसियाना मेटाराइजियम एनिसोपली- प्रति हेक्टेयर 5 किलो
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पीएसबी- प्रति हेक्टेयर 10 किलो
एजोटोबैक्टर - प्रति हेक्टेयर 10 किलो तक डालें.