GFBN Story: कैसे लखन यादव ने बांस और प्राकृतिक खेती से खड़ा किया 2 करोड़ का एग्रो-बिजनेस Solar Subsidy: किसानों को सोलर पंप पर 90% अनुदान देगी राज्य सरकार, मिलेगी बिजली और डीजल खर्च से राहत GFBN Story: रिटायरमेंट के बाद इंजीनियर शाह नवाज खान ने शुरू की नींबू की खेती, अब कमा रहे हैं शानदार मुनाफा! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 8 June, 2020 11:36 AM IST
Henna farming

मेंहदी की खेती किसानों को बड़ा मुनाफा दे सकती है. भारत में इसकी मांग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसी भी तरह के शुभ एवं मंगल आयोजन बिना मेंहदी के पूरे नहीं हो सकते. सौन्दर्य एवं श्रृंगार बढ़ाने के साथ-साथ मेहंदी कई कारणों से सेहत के लिए भी लाभदायक है. इसको बालों में अगर लगाया जाए, तो रूसी की शिकायत दूर हो जाती है.इसी तरह इसकी पत्तियां का उपयोग चर्म रोगों के उपचार में भी किया जाता है. गर्मी के मौसम में स्किन के जलने पर इसका लेप राहत देता है. इसी तरह घाव पर इसका लेप लगाया जाए, तो घाव जल्दी भरते हैं. यही कारण है कि बाजार में इसकी भारी मांग है. चलिए आपको इसकी खेती के बारे में बताते हैं.

मेहंदी की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु (Suitable climate for Heena Cultivation)

मेंहदी की खेती शुष्क व अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में बहुवर्षीय फसल के रूप में की जाती है. इसकी उपज लगभग हर तरह की जलवायु में प्राप्त हो सकती है. हमारे यहां मुख्य रूप से इसकी खेती राजस्थान के क्षेत्रों में होती है.

मेहंदी की खेती के लिए खेत की तैयारी (Preparation of field for Heena Cultivation)

वर्षा ऋतु से पहले का समय मिट्टी की जुताई के लिए बेहतर है. खेत को समतल बनाते हुए मिट्टी को भुरभुरा बना लें. आप चाहें अंतिम जुताई के समय जैविक खाद का उपयोग करें.

मेहंदी का पौधा रोपण (Planting of Henna)

इसकी खेती के लिए जुलाई माह में अच्छी वर्षा होने पर पौधों को लगाएं. पौधों के मध्य एक जैसी दूरी रखें. पौधों को लगाने के बाद वर्षा न होने पर सिंचाई करें.  

मेहंदी की निराई गुड़ाई (Weeding of Heena)

 

मेंहदी के अच्छे फसल प्रबन्धन के लिए समय-समय पर निराई गुड़ाई करना जरूरी है. जून-जुलाई में प्रथम वर्षा के बाद खरपतवारों के बढ़ने की संभावना होती है, इसलिए गुड़ाई अच्छी तरह गहराई तक करें.

मेहंदी की कटाई (Henna Harvesting)

पत्ति उत्पादन व गुणवत्ता को देखते हुए पुष्पावस्था कटाई के लिए सर्वोत्तम है. आम तौर पर मेंहदी की कटाई सितम्बर-अक्टूबर माह में की जाती है. कटाई के लिए हसिया आदि औजारों का उपयोग करें.

(आपको हमारी खबर कैसी लगी? इस बारे में अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें. इसी तरह अगर आप पशुपालन, किसानी, सरकारी योजनाओं आदि के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो वो भी बताएं. आपके हर संभव सवाल का जवाब कृषि जागरण देने की कोशिश करेगा)

English Summary: scientific method of Henna farming know more about heena cultivation and market demand
Published on: 08 June 2020, 11:39 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now