सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 22 January, 2024 2:09 PM IST
केसर की खेती

Saffron Cultivation: देश के किसान अपने खेत से अधिक मुनाफा पाने के लिए कई तरह की फसलों को करते हैं. देखा जाए तो किसान परंपरागत खेती/ Traditional Farming को छोड़कर अन्य फसलों को अपना रहे हैं. भारत के ज्यादातर किसान अधिक मुनाफा पाने के लिए केसर की खेती/ Kesar ki Kheti की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. केसर की खेती सबसे अधिक ईरान के किसानों के द्वारा की जाती है. वहीं, अगर हम भारत की बात करें, तो देश में इसकी खेती सबसे अधिक कश्मीर में की जाती है.

जैसा की आप सब लोग जानते हैं कि देश-विदेश के बाजार में केसर की मांग सबसे अधिक हैं. ऐसे में अगर देश के किसान केसर की खेती करते हैं, तो किसान कम समय में ही मोटी कमाई कर सकते हैं. ऐसे में आइए केसर की खेती के बारे में विस्तार से जानते हैं-

केसर की खेती/ Saffron Cultivation

भारत में केसर की खेती का सही समय मध्य जुलाई का समय अच्छा माना जाता है. इसकी खेती कंद के माध्यम से की जाती है. इसके लिए किसानों को अपने खेत में करीब 6 से 7 सेंटीमीटर का गड्ढा करना चाहिए और साथ ही इनके बीच की दूरी करीब 1 सेंटीमीटर तक रखें.

खेत में एक बार केसर का कंद लगाने के बाद 15 दिन में तीन बार हल्की सिंचाई करनी चाहिए. केसर की खेती से केसर का पौधा अक्टूबर के महीने में फूलना शुरू हो जाता है. केसर के फूल सुबह खिलते हैं और जैसे-जैसे दिन ढलता जाता है फूल भी मुरझाते जाते हैं. किसान तीन से चार महीने में ही केसर की खेती से अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.

केसर की खेती के लिए मिट्टी/Soil For Saffron Cultivation

अगर आप केसर की खेती से अच्छा उत्पादन प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसकी खेती के लिए अम्लीय से तटस्थ, बजरी, दोमट और रेतीली मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है. इसके अलावा इसकी खेती के लिए मिट्टी का ph मान 6 से 8 अच्छा होता है.

ये भी पढ़ें: अब घर में कर सकते हैं केसर की खेती!

केसर की पत्तियां/ Saffron Leaves

देखा जाए तो केसर में किसी तरह के बीज व पेड़ आदि नहीं निकलते हैं. इसके पौधे में बस एक लाल रंग का फूल निकलता है, जिसके कारण केसर को रेड गोल्ड के नाम से भी जाना जाता है. बता दें कि केसर के पौधे की तीन पत्तियां होती हैं, जोकि पीली रंग की होती है. यह पत्तियां किसी काम की नहीं होती हैं. केसर के पौधे को अच्छे से विकसित होने के लिए अच्छी धूप की जरूरत होती है.

English Summary: Saffron Farming Lentil saffron crop in the name of Red Gold Kesar ki Kheti Traditional Farming price of saffron
Published on: 22 January 2024, 02:14 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now