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Updated on: 3 October, 2019 6:33 PM IST

अगर आपके खेतों में भी लहलहाती हरी मटर की फसल आपको आनंद दे रही है, तो आप जरा सा सावधान हो जाये. कहीं ऐसा ना हो कि आप यहां आनंद में डूबे रहें और वहां आपकी मटर सड़न रोग की चपेट में आ जाये. गौरतलब है कि अधिकतर राज्यों में लगातार हो रही कई दिनों की बारिश से मटर पर खतरा मंडराने लगा है. एक तरफ जहां मटर के पौधे सड़ने लगे हैं, वहीं कीटों का प्रकोप भी तेज़ हो चला है.

बता दें कि बरसात के कारण अभी तक मटर की करीब 35 प्रतिशत से अधिक की खेती नष्ट हो गई है. बात सिर्फ इतनी सी ही नहीं है, विज्ञानिकों की माने तो आने वाले दिनों में नुकसान की संभावना और बढ़ सकती है. सबसे ज्यादा इस समय खतरा सड़न रोग से है.

तने से शुरू होता है सड़न रोग

मटर में सड़न रोग का प्रारंभ पौधे के तनो के माध्यम से होता है. गौर से देखने पर आप पायेंगें कि अगर आपका पौधा इस रोग से प्रभावित है तो तना पहले पीला पड़ता है और फिर पूरा पौधा भी पीला पड़ते हुए सड़ा देता है. मटर में ये रोग मुख्य तौर पर हवा और पानी से फैलता है, इसलिए बरसात के मौसम में ये अधिक तेजी से फैलाता है. इस बारे में विशेषज्ञों की राय है कि इस रोग की शुरूवात मिट्टी के साथ लगे पत्तों द्वारा होती है, जो धीरे-धीरे जड़ों तक फैल जाती है. इससे पौधा पीले रंग में बदल जाता और फिर सड़ जाता है.

ऐसे करें फसलों की सुरक्षा

मटरों में पाया जाने वाला ये रोग बहुत तेज़ी से पूरी खेती को नष्ट करने की क्षमता रखता है. इसलिए जरूरी है कि फसलों में गोबर की सही मात्रा डाली जाये. वहीं बरसात बरसाती मटर को चित्री रोग से बचाने के लिए खेतों में पानी की निकासी अच्छी होनी चाहिए.

English Summary: sadan rog harm the crops of Peas here is treatment of sadan rog
Published on: 03 October 2019, 06:37 PM IST

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