Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 14 February, 2023 9:00 PM IST
ज्वार की नई किस्म विकसित

कृषि वैज्ञानिक किसानों की सहायता के लिए कई वर्षों के शोध के बाद फसलों की नई किस्मों को  विकसित करते हैं, जिससे उत्पादन में वृद्धि हो सके. ऐसे ही विजयपुरा में क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान स्टेशन के वैज्ञानिकों ने ज्वार के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बीजीवी-44 और सीएसवी-29 नाम की किस्म विकसित की हैं. वैज्ञानिकों का दावा है कि इन किस्मों से ज्वार के उत्पादन में वृद्धि आएगी.

अधिक मिलेगी पैदावार

वैज्ञानिकों का कहना है कि इन किस्मों के पौधे लंबे होते हैं, तो वहीं नियमित की तुलना में कम से कम 25% अधिक अनाज पैदा कर सकते हैं. साथ ही बीजीवी-44 काली कपास मिट्टी के लिए सबसे उपयुक्त है क्योंकि यह अधिक नमी बरकरार रखती है.

साथ ही CSV-29 किस्म की गुणवत्ता तुलनीय है. "किस्में पुराने एम-35-1 से बेहतर उत्पादन देती हैं. नई किस्म 22 से 25 क्विंटल चारा और 8 से 10 क्विंटल अनाज का उत्पादन कर सकती है.

पशुओं को चारे से अधिक पोषण मिलता है क्योंकि चारे में नमी अधिक होती है. वैज्ञानिकों की मानें तो ये किस्में न केवल अधिक उत्पादन करती हैं बल्कि कीटों का भी प्रतिरोध करती हैं. वर्तमान में हितिनाहल्ली गांव के पास एक केंद्र इन किस्मों की बिक्री करता है.

सीएसवी-29 किस्म उगाने वाले किसान सिद्धारमप्पा नवदगी के अनुसार, पौधे में पारंपरिक किस्म की तुलना में अधिक अनाज होता है. इस किस्म के साथ, "मुझे उम्मीद है कि मुझे अधिक उपज मिलेगी," उन्होंने कहा.

ये भी पढ़ेंः खरीफ में हरा चारा और ज्वार की बुवाई का समय, बीज दर, उन्नत किस्में, उपज और खरपतवार नियंत्रण

ज्वार कई रोगों से लड़ने में कारगर

ज्वार (सोरघम) में एक परत होती है जिसमें कैंसर रोधी गुण होते हैं और यह मुक्त कणों से भी लड़ता है जो समय से पहले उम्र बढ़ने का कारण होते हैं. ज्वार में मैग्नीशियम, कॉपर और कैल्शियम मौजूद होते हैं और मजबूत हड्डियों और ऊतकों के विकास में सहायक होते हैं.

English Summary: RARS develops 2 new varieties of jowar 'BGV-44' and 'CSV-29'
Published on: 14 February 2023, 05:38 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now