क्वीन पाइनएप्पल को दुनिया का सबसे मीठा अनानास कहा जाता है. इसके फल में सुगंधित मीठा स्वाद होता है और यह अन्य अनानास के प्रकारों की तुलना में अपेक्षाकृत छोटा होता है. इसका वजन मात्र 450 ग्राम से 950 ग्राम है. 2015 में क्वीन पाइनएप्पल को जीआई टैग मिला था. इसे त्रिपुरा का राजकीय फल भी घोषित किया गया है. त्रिपुरा देश के सबसे बड़े अनानास उत्पादक राज्यों में से एक है. अनानास असम सहित भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में उगाया जाने वाला एक प्रमुख फल है. अनन्नास इस क्षेत्र के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है. अनानास और इसका जूस साल भर मिलता है इसलिए यहां के लोग अनानास को जब चाहे खा सकते हैं. उत्पादकों के बीच केव और क्वीन सबसे लोकप्रिय प्रकार हैं. क्वीन अनानस असम में व्यापक रूप से उगाया जाता है. कार्बी आंगलोंग, एनसी हिल्स और कछार राज्य में अनानास उगाने वाले प्रमुख जिले हैं. भारत के उत्तर पूर्व राज्य देश के कुल अनानास उत्पादन का 40 प्रतिशत से अधिक उत्पादन करते हैं और लगभग 90-95 प्रतिशत जैविक रूप से उगाया जाता है.
अनानास की विभिन्न किस्में
अनानास की विभिन्न किस्में माटी क्यू, क्वीन और मॉरीशस हैं.
अनानास की खेती के लिए मिट्टी-
अनानास किसी भी मिट्टी में अच्छी तरह से बढ़ता है जिसमें उचित जल निकासी होती है और थोड़ी अम्लीय होती है.
अनन्नास की वृद्धि
अनन्नास की जड़ों से अंकुर निकालकर, तनों को काटकर और सिरों को लगाकर अनन्नास का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है. हालांकि इसे लगाने के लिए अनानास का पौधा कम से कम 5-6 महीने पुराना होना चाहिए. प्रत्यारोपण 12 महीनों के भीतर फूलना शुरू कर देता है, लेकिन सिर प्रत्यारोपण के 19-20 महीने बाद ही खिलता है.
अनन्नास लगाने का समय
अनन्नास को अप्रैल से अक्टूबर के बीच लगाया जाए तो वह अच्छी तरह से बढ़ता है
देखभाल
अनानास के पेड़ों के बीच के खरपतवार को साल में लगभग तीन या चार बार साफ करना चाहिए. इसे हाथ से साफ करने के बजाय रासायनिक खाद लगाकर भी साफ किया जा सकता है. ड्यूरॉन का उपयोग पहले वर्ष में बड़ी मात्रा में खरपतवारों को साफ करने के लिए किया जा सकता है. कभी-कभी, यदि एक लंबा शुष्क मौसम होता है, तो फलों को सूरज की गर्मी से खराब होने से बचाने के लिए अनानास के बगीचे में रोजाना पानी देना चाहिए. धूप से बचने के लिए अस्थायी छांव की व्यवस्था करनी चाहिए. पके फलों को सूरज की गर्मी और विभिन्न हमलों से बचाने के लिए उनकी पत्तियों से ढका जा सकता है.
बीमारी और कीटनाशक
अनानास की खेती में कई तरह के रोग लग सकते हैं. इनमें मृदा झुलसा रोग गंभीर हो सकता है. यह रोग मिट्टी के साथ- साथ फल को भी प्रभावित कर सकता है. इसके अलावा, गुलाबी रोग, जड़ रोग, कीड़ों में चरहा, फूटी आदि फल को नष्ट करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता हैं. इससे बचाव के लिए प्रति हेक्टेयर मिट्टी में 20 किलो कीटनाशक पानी में घोलकर छिड़काव करें
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अनानास की कटाई
फल परिपक्व होने के बाद कटाई के लिए तैयार हो जाता है. ध्यान रहे कि अधिक पके हुए फल को एक बाकी फलों के साथ ना रखें, क्योंकि यह फल अधिक पकने के बाद सड़कर बाकी फलों को भी खराब कर सकता है.
कृषि में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग, असम 3 से 5 फरवरी, 2023 तक पहला ऑर्गेनिक नॉर्थ ईस्ट एक्सपो आयोजित कर रहा है. एक्सपो का आयोजन सिक्किम स्टेट कोऑपरेटिव सप्लाई एंड मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (SIMFED) द्वारा किया जाएगा.