सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 7 March, 2019 2:04 PM IST
Poly house

नर्सरी एक ऐसा स्थान है जहां पर पौधों को उनके रोपण से पूर्व उचित आकार तक उगाया जाता है. सब्जियों को यदि उनके मौसम से पूर्व या बाद में उगाया जाए तो उत्पादक को अधिक लाभ होता है. लेकिन बेमौसमी सब्जी उत्पादन हेतु स्वस्थ पौध तैयार करना बहुत कठिन कार्य है. इन कारणों को ध्यान में रखते हुए उच्च गुणवत्ता वाली पौध तैयार करने की जरुरत है.

पॉलीहाउस में नर्सरी तैयार करने के लाभ (Benefits of nursery preparation in polyhouse)

- वर्षभर पौधा उत्पादन

- एक ही आकार एवं ओज के पौधे

- प्रति वर्गमीटर अधिकाधिक पौधा  

- अच्छी गुणवत्ता की पौध

- खाद-पानी एवं कीटनाशकों का कम प्रयोग

- ग्रीन हाउस प्रभाव से अंदर का तापमान बढ़ जाता है जिसका उपयोग किया जा सकता है.

- रोग एवं कीटों की रोकथाम.

- पौध स्थानांतरण एवं रोपण आसानी से होता है.

- टिशू कल्चर से प्राप्त पौधों की उचित देखभाल हो जाती है.

- रसायनों का पौधों पर प्रभाव आदि ठीक ढंग से देखा जा सकता है.

- प्रति एकड़ बीज की मात्रा कम लगती है.

- यदि बीज में अंकुरण की क्षमता है और ओज नहीं है तो भी इस विधि से स्वस्थ पौध बना सकते हैं.

- रोपण के बाद मरण क्षमता न के बराबर रहती है.

- रोपाई के बाद पौधे अतिशीघ्र स्थापित हो जाते हैं.

पॉलीहाउस संरचना (Polyhouse structure)

पौध उत्पादन हेतु सर्वप्रथम एक पॉलीहाउस की आवश्यकता होती है जिसके छत को 200 माइक्रॉन प्लास्टिक से ढकते हैं तथा चारों ओर से कीट अवरोधी नेट से कवर करते हैं ताकि छोटे से छोटा कीट भी प्रवेश न कर सके तथा इस नेट को फिर प्लास्टिक सीट के पदों से कवर करते हैं जिससे तापमान बढ़ाने व घटाने के लिए पदों को नीचे व ऊपर किया जा सके. पॉलीहाउस की छत के नीचे छाया करने वाले नेट को भी लगाया जाता है. यह नेट इस तरह से लगाया जाता है कि इसे फैलाया और हटाया जा सके. तेज धूप होने पर इस नेट को फैलाया जाता है ताकि पौधों को तेज धूप न लगे. पॉलीहाउस के अंदर बीज अंकुरण हेतु एक छोटा सा बीज अंकुरण गृह प्लास्टिक की मदद से बनाया जाता है जिसको खासतौर पर सर्दियों में अंकुरण हेतु प्रयोग में लाते हैं. नर्सरी में प्रवेश हेतु दो दरवाज़ों का प्रयोग करते हैं. एक दरवाज़ा बंद करके दूसरा खोला जाता है ताकि कीट-पंतगे नर्सरी में प्रवेश न कर सकें. 500 वर्ग मीटर नर्सरी क्षेत्र में हम 1.5 से 2 लाख पौधे एक बार में पैदा कर सकते हैं तथा वर्ष में इसका 8 बार प्रयोग किया जा सकता है.

पॉलीहाउस नर्सरी के अन्य उपयोग (Other uses of polyhouse nursery)

पॉलीहाउस का सब्जियों की पौध को तैयार करने के अलावा कुछ और भी इस्तेमाल हैं. जैसे -

-गैंदा, सूरजमुखी, गजेनिया आदि फूलों की पौध उगाना.

- कटिंग से बनाए जाने वाले फलों पौधे तैयार करना, जैसे - गुलदाउदी, फाइकस आदि.

- बीज से उत्पन्न होने वाले फलों की नर्सरी तैयार करना, जैसे - पपीता आदि.

- कलम ( गूटी ) द्वारा पौधों का रख-रखाव भी इस नर्सरी से अच्छे ढंग से किया जा सकता है.


लेखक- नीलम पटेल, ए.के.सिंह एवं अजीत सिंह

English Summary: Polyhouse is Beneficial For Farming
Published on: 07 March 2019, 02:08 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now