खुशखबरी! केंचुआ खाद तैयार करने पर राज्य सरकार देगी 50,000 रुपए तक अनुदान, जानें पूरी योजना पशुपालक किसानों के लिए खुशखबरी! अब सरकार दे रही है शेड निर्माण पर 1.60 लाख रुपए तक अनुदान गर्मी में घटता है दूध उत्पादन? जानिए क्या है वजह और कैसे रखें दुधारू पशुओं का खास ख्याल Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 20 March, 2023 1:00 PM IST
तरबूज में लगने वाले रोग-कीट व उनका प्रबंधन

तरबूज की फसल के लिए यह सीजन काफी उपयुक्त माना जाता है. लेकिन यदि फसल में कीटों ने हमला कर दिया तो उससे फसल को काफी नुकसान पहुंचाता है. किसान भाइयों को आज हम इस लेख के माध्यम से तरबूज पर लगने वाले रोग तथा उसके नियंत्रण की जानकारी देने जा रहे हैं.

एफिड और थ्रिप्स:

यदि तरबूज की पत्तियां पीली होकर गिरने लगें तो समझ जाइए कि फसल में एफिड और थ्रिप्स का हमला हो चुका है. थ्रिप्स के हमले के कारण तरबूज की पत्तियां मुड़ने लगती हैं और पत्तियां कप के आकार की होने लगती हैं.  यदि आपकी फसल में इसका हमला दिखे तो इसकी रोकथाम के लिए किसानों को 5 ग्राम थायमेथोक्सम को 15 लीटर पानी में मिलाकर खेत में स्प्रे करना चाहिए. इसके अलावा यदि रस चूसक कीट और चूर्ण/पतले फफूंदी का प्रकोप दिखे तो थायमेथोक्सम का छिड़काव करें और छिड़काव के 15 दिन बाद डाईमेथोएट 250 मि.ली.+ट्राईडेमोर्फ 100 मि.ली. को प्रति 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

फल मक्खी

यह तरबूज की फसल में लगने वाला एक गंभीर कीट है. मादा मक्खी नए फलों की एपिडर्मिस के नीचे अंडे देती है, जिसके बाद पनपे कीट गूदे को खाने लगते हैं और फल सड़ने लगते हैं. इसके निपटान के लिए किसानों को संक्रमित फलों को खेतों से हटाकर नष्ट कर देना चाहिए, इसके साथ ही अधिक हमला दिखने पर शुरूआती समय में नीम के बीज की गुठली के 50 ग्राम अर्क को पानी में मिलाकर स्प्रे करना चाहिए.  इसके साथ ही किसानों को मैलाथियान 300 मि.ली. + गुड़ 100 ग्राम को 200 लीटर पानी में मिलाकर 10 दिनों के अंतराल पर 3-4 बार स्प्रे करना चाहिए.

एन्थ्रेक्नोज:

तरबूज की पत्तियां यदि झुलसी हुई दिखाई दें तो समझ जाइए कि इसमें एन्थ्रेक्नोज का हमला हुआ है. इससे बचाव के लिए किसानों को पहले ही 2 ग्राम कार्बेनडाज़िम से प्रति किलो बीज का उपचार करना चाहिए. यदि खेत में इसका हमला दिखे तो मैंकोजेब 400 ग्राम या कार्बेनडाज़िम 400 ग्राम को 200 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें.

तरबूज की फसल मे लगने वाले रोग

पाउडरी मिल्ड्यू

इस रोग के हमले से संक्रमित पौधे के मुख्य तने, पत्तियों की ऊपरी सतह पर धब्बेदार, सफेद पाउडर दिखाई देता है. यह रोग पौधों को भोजन के तौर पर खाता है. अत्यधिक आक्रमण होने पर इसकी पत्तियां झड़ने लगती हैं और समय से पहले फल पकने लगते हैं.

फसल में इसका हमला दिखे तो 20 ग्राम घुलनशील सल्फर को 10 लीटर पानी में मिलाकर 10 दिनों के अंतराल पर 2-3 बार स्प्रे करना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः तरबूज की फसल गर्मियों में है फायदेमंद

अचानक पौधे का मुरझाना

यदि तरबूज की बेल अचानक से मुरझाने लगे तो इससे आपकी पूरी फसल नष्ट हो सकती है. प्रारंभिक अवस्था में पौधा कमजोर हो जाता है और पीला दिखाई देता है, गंभीर संक्रमण में पूरी तरह से मुरझा जाता है. इसके निपटान के लिए खेत में जल जमाव की स्थिति ना होने दें. किसानों को संक्रमित भागों को तोड़कर खेत  से दूर नष्ट कर देना चाहिए. इसके अलावा किसान @ 1 किग्रा ट्राइकोडर्मा विराइड को प्रति एकड़ में 20 किग्रा गोबर की खाद या अच्छी तरह से सड़ी हुई गाय के गोबर के साथ मिलाएं.

English Summary: Pests, diseases and their control in watermelon crop
Published on: 20 March 2023, 12:36 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now