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Updated on: 17 April, 2023 10:56 AM IST
Paddy Varieties in Bihar

भारत में धान की खेती के लिए बिहार एक महत्वपूर्ण राज्य हैइसलिए यहां धान की कई उन्नत किस्में उगाई जाती हैं. बिहार के लिए धान की कुछ लोकप्रिय उन्नत किस्में इस प्रकार हैं:

स्वर्ण सब 1 (Swarna Sub-1): यह अधिक उपज देने वाली धान की किस्म है जो जलमग्नता (water submersion) के लिए प्रतिरोधी है. छोटी अवधि की आकस्मिक बाढ़ में भीस्वर्ण सब 1 की उपज स्वर्ण की तुलना में 0.5 से 1.0 टन/हेक्टेयर अधिक होती है. इसलिए यह राज्य के उन क्षेत्रों में भी खेती के लिए उपयुक्त है जो बाढ़ से ग्रस्त हैं. स्वर्ण सब 1 बाढ़ के दौरान 14-17 दिनों तक पानी के ठहराव को सहन कर सकती है और इस परिस्थितियों में भी बढ़ने के लिए आदर्श है.

सोनाचूर धान: राज्य के कैमूर और रोहतास में मुख्य रूप से सोनाचूर धान की बुवाई की जाती है. इसकी पैदावार प्रति हेक्टेयर लगभग 40 क्विंटल है. सोनाचूर चावल को ना सिर्फ स्वाद और सुगंध का राजा कहा जाता है, बल्कि अपनी खास कीमत की वजह से इसको किसानों का एटीएम भी कहा जाता है.

IR 64: यह एक लोकप्रिय उच्च उपज वाली धान की किस्म है जो राज्य में खेती के लिए उपयुक्त है. यह कई रोगों और कीटों के लिए प्रतिरोधी है और सूखे की स्थिति का सामना भी कर सकता है.

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MTU 1010: यह मध्यम अवधि की धान की किस्म है जो बिहार के सिंचित क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त है. यह अपनी अच्छी उपज और उत्कृष्ट अनाज की गुणवत्ता के लिए जाना जाता है.

CR धान 310: यह अधिक उपज देने वाली धान की किस्म है जो सिंचित और वर्षा सिंचित दोनों क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त है. यह कई रोगों और कीटों के लिए प्रतिरोधी है और सूखे की स्थिति का सामना कर सकती है.

धान की ये उन्नत किस्में बिहार के किसानों को उनकी उपज और आय बढ़ाने में मदद कर सकती हैं. हालांकिमिट्टी के प्रकारजलवायु और अन्य स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर सही किस्म का चयन करना महत्वपूर्ण है. किसान अपने खेत के लिए धान की सर्वोत्तम किस्म का चयन करने के लिए कृषि विशेषज्ञों या राज्य के कृषि विभाग से परामर्श कर सकते हैं.

English Summary: Paddy Varieties in Bihar: Improved Varieties for Paddy Cultivation in Bihar
Published on: 17 April 2023, 11:01 AM IST

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