धान रोपाई का समय शुरू हो चुका है. किसान धान की रोपाई की तैयारी में लग गए हैं. धान उत्पादन करने वाले मुख्य राज्य पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश के किसान धान बोनेकी तैयारी में जुटे हैं. धान की रोपाई अधिकतर राज्यों में है हाथ से की जाती है लेकिन जिस तरीके से कृषि तकनीकों के माध्यम से आधुनिकीरण हो रहा है, उससे किसानों का काम काफी आसान हो रहा है. नर्सरी से धान की पौध को आसानी से निकालकर खेत में हाथ से रोपा जाता है. लेकिन स्वचालित धान रोपने वाली मशीन के आने से यह काम काफी आसान हो गया है. इस धान रोपाई मशीन से किसान समय और लागत दोनों बचा सकता है.हाथ से रोपाई करने का काम बहुत मुश्किल एवं थकाने वाला काम होता है. धान के रोपाई में कई घंटे तक झुककर काम करने से कई महिला एवं पुरूष के परिस्थिति कई पीढ़ी से किसानी काम से काफी परेशानी होते है. जिससे कमरदर्द जैसी समस्या होती है.
इसलिए आज के समय में खेती मजदूरों के फैक्ट्रियों एवं दूसरे कामों में जाने के कारण रोपाई के समय में मजदूरों में काफी कमी आ गई है. नया तकनीक और किसानी काम में विकास के कारण हाथ रोपाई की जगह अब धान रोपाई मशीन ने ली है. इसके लिये धान रोपाई मशीन एक अच्छा उपाय है. मशीन रोपाई के लिए पहला कदम चटाई नुमा नर्सरी तैयार करना होता है जो कि अच्छे परिणाम के लिये बहुत जरूरी है. मशीन रोपाई में एक एकड़ खेत के बुवाई करने में आमतौर में 15 से 20 कि.ग्रा.अच्छा बीज काफी होता है. वहीं हाथ से रोपाई करने में 30 कि.ग्रा. बीज लग जाता है. अगर किसान भाई सिस्टम ऑफ राईस इन्टेन्सीफिकेशन ‘श्री विधि Ó को अपनायेंगे तो बीज की खपत और कम हो जायेगी. बुवाई के पहले अंकुरित बीज का महत्व बहुत है. एक साफ बर्तन में साफ पानी लेकर बीज को डालकर धीरे-धीरे हिलायें
मशीन से कैसे करें रोपाई :
बुवाई के 17 से 18 दिन में पौधा 12.5 से 15 सेमी. के ऊंचाई में होगा, आम तौर में जब इसका 3 से 4 पत्ता निकल जाये तो समझना चाहिए कि यह रोपाई करने के लिये तैयार है. जब आपका खेत तैयार हो जाए और धान की पौध तैयार हो जाए तब आप इस मशीन से धान की रोपाई कर सकते हैं. इसके लिए यह मशीन आठ लाइन में रोपाई करती है. इसके अलावा इससे बड़ी मशीन भी उपलब्ध है. इसका रखरखाव भी बहुत कम है. इसमें पानी की भी कम आवश्यकता होती है. मशीन से की गई रोपाई में लाइन व पौधे की दूरी समान होती है. जिस कारण धान की फसल में कीड़ों और बीमारियों का प्रकोप भी कम से कम रहने की गुंजाइश है. इस मशीन से बुवाई करने पर चार से पांच कुंतल प्रति एकड़ अधिक पैदावार होने का दावा किया गया है. मशीन से धान रोपाई करते समय पौधे के साथ मिट्टी भी जाती है, इस वजह से पौधे सूखते नहीं है, जबकि हाथ से रोपाई करते समय पौध की मिट्टी को धो दिया जाता है, इससे पौध की जड़ के तने टूटने से पौध के सूखने की आशंका बनी रहती है.
इस मशीन के लाभ :
-
पांच एकड़ रोपाई पर करीब 2000 रुपये खर्च आता है.
-
हाथ से रोपाई के लिए 40 से 50 मजदूर लगाने पड़ते है.
-
इस मशीन के जरिये धान रोपाई को सिर्फ तीन लोग ही पर्याप्त हैं.
-
मशीन से रोजाना पांच एकड़ भूमि पर रोपाई की जाती है.
-
कई कृषि यन्त्र निर्माता कंपनी इस मशीन को बना रही हैं जिसकी कीमत 50 लाख रूपये से 2.50 लाख रूपये तक है.
-
इससे रोपाई करने से समय और लागत दोनों की बचत होती है.
इसके अलावा धान रोपाई मशीन को कुछ किसान किराये पर भी उपलब्ध कराते हैं जिससे छोटे किसान भी इस मशीन से आसानी से रोपाई करा सकते हैं .
कहा से ख़रीदे यह मशीन:
पहले जयह मशीन दूसरे देशों से आयात की जाती थी लेकिन अब यह मशीन हमारे देश में ही निर्मित हो रही है. देश की कई कृषि यन्त्र निर्माता कंपनी रेडलेंस, कुबोटा, शक्तिमान इस मशीन का निर्माण कर रही है इसकी शुरूआती कीमत 1.50 लाख रूपये से शुरू होती है जो 2.50 लाख रूपये तक पहुँच जाती है. इस मशीन पर राज्य सरकारों द्वारा अनुदान भी उपलब्ध है. इस मशीन को मंगवाने के लिए आप निचे दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.
एसजी एग्रो : 08048842101
कामठे आटोमोटिव्स : 08046034458