Weather Update: आज इन 7 राज्यों में होगी बारिश, IMD ने जारी की चेतावनी, जानें आपके शहर का मौसम पूर्वानुमान! महिंद्रा फार्म इक्विपमेंट बिजनेस ने सितंबर 2025 में दर्ज की 50% वृद्धि, घरेलू बिक्री 64,946 ट्रैक्टर तक पहुंची एनएचआरडीएफ द्वारा पांच दिवसीय मशरूम उत्पादन ट्रेनिंग प्रोग्राम का सफल समापन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 27 May, 2025 2:00 PM IST
जैविक खेती की आवश्यकता (सांकेतिक तस्वीर)

देश की बढ़ती जनसंख्या, प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध  दोहन, और अनियमित शहरीकरण, औद्योगिकरण, अत्यधिक कृषि रसायनों एवं उर्वरकों का प्रयोग एवं वायु, जल, मृदा प्रदूषण के फल स्वरुप विविध प्रकार की समस्याएं प्रकाश में आ रही है. उच्च उत्पादन लागत, खाद्य प्रसंस्करण एवं विपणन सुविधाओं की कमी के कारण कृषि और अलाभकारी हो रही है. कृषि योग्य भूमि में विस्तार की सीमित संभावनाएं के कारण जैविक कृषि के माध्यम से कृषि उत्पादन को स्थिरता प्रदान किया जा सकता है.

परंपरागत स्रोतों के उपयोग से कृषि उत्पादकों की गुणवत्ता एवं उत्पादकता में वृद्धि होगी साथ ही साथ कृषकों की आय में भी वृद्धि होगी.

जैविक खेती का महत्व

जैविक खेती/Organic Farming कृषक कथा पर्यावरण के लिए लाभदायक है. जैविक खेती से किसानों को कम लागत में गुणवत्तापूर्ण फसल प्राप्त हो सकती है. जैविक खेती के लाभ निम्नलिखित है…

  1. मृदा की उर्वरक शक्ति में टिकाऊपन

जैविक खादों एवं जैविक कीटनाशकों के उपयोग से मृदा की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती है.

  1. जैविक खेती प्रदूषण रहित

जैविक खेती से प्रदूषण में कमी आती है. रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों से पर्यावरण प्रदूषण होता है. खेतों के आसपास का वातावरण विषैला हो जाता है. जिससे यहां के वनस्पति , जानवर, पशु पक्षी मरने लगते हैं. जैविक खादों एवं कीटनाशकों के प्रयोग से वातावरण शुद्ध होता है.

  1. कम पानी की आवश्यकता

जैविक खेती में सिंचाई की लागत कम आती है, क्योंकि जैविक खाद मृदा में लंबे समय तक नमी बनाए रखते हैं. जिससे सिंचाई की आवश्यकता रासायनिक खेती के अपेक्षा कम पड़ती है.

  1. पशुओं का अधिक महत्व

जैविक खेती में पशुपालन का बढ़ावा मिलता है. पशुओं का उपयोग भी बढ़ता है.

  1. फसल अवशेषों का उचित उपयोग

जैविक खेती द्वारा फसल अवशेषों को खपाने की समस्या नहीं होती है. उनका उचित उपयोग हो जाता है.

  1. अच्छी गुणवत्ता की पैदावार

जैविक खेती से उत्पादों की गुणवत्ता रासायनिक खेती के तुलना में कई गुना बेहतर होती है एवं उत्पादन ऊंचे मूल्य में बाजार में बिकते हैं.

  1. स्वास्थ्य में सुधार

स्वास्थ्य के दृष्टि से जैविक उत्पादन सर्वश्रेष्ठ होते हैं इनके प्रयोग से कई प्रकार के रोगों से बचा जा सकता है.

  1. कम लागत

जैविक खेती में रासायनिक खेती के तुलना में लगभग 80% कम लागत आती है. जैविक खाद बहुत ही कम दामों में तैयार हो जाता है.

  1. अधिक लाभ

जैविक उत्पादों की कीमत रासायनिक उत्पादों से कई गुना ज्यादा होती है जिससे किसानों को अधिक लाभ प्राप्त होता है.

  1. कृषि मित्र जीव सुरक्षित एवं संख्या में बढ़ोतरी

जैविक खेती के द्वारा कृषि मित्र जीवों की सुरक्षा होती है तथा इनकी संख्या में भी बढ़ोतरी होती है.

11. मृदा की जल धारण शक्ति में वृद्धि

रासायनिक खाद भूमि के अंदर के पानी को जल्दी सोख लेते हैं जबकि जैविक खाद मृदा की ऊपरी सतह में नमी बनाकर रखते हैं जिससे जमीन की जलधारण शक्ति बढ़ती है.

लेखक: रबीन्द्रनाथ चौबे, ब्यूरो चीफ, कृषि जागरण, बलिया, उत्तरप्रदेश।

English Summary: Organic farming plays an important role in increasing farmers income
Published on: 27 May 2025, 02:05 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now