आर्किड का फूल बहुत ही सुंदर होता है. यह दिखने में अदभुत रंग-रूप, आकार और लम्बे समय तक ताजा बना रहता है. भारत में आर्किड की लगभग 1200 से अधिक प्रकार की प्रजातियाँ पाई जाती हैं. आर्किड के फूलों की बाजार में काफी अच्छी कीमत मिलती है. ऐसे में अगर आप इसकी खेती करते हैं तो यह आपके लिए एक बेहद फायदे का सौदा हो सकता है. यह पुष्पों के अपने बदलते रंग, आकार के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी खूब बिकते हैं. भारत के बड़े शहर चेन्नई, कोच्चि, बंगलोर, मुम्बई और पुणे में व्यावसायिक आर्किड फ़ार्म स्थापित किये गए हैं, जिससे भारत में पैदा होने वाले यह फूल अंतर्राष्ट्रीय पुष्प बाजार में अपना एक विशेष स्थान बना लिया है.
आर्किड की खेती
मिट्टी
आर्किड की खेती के लिए काली दोमट मिट्टी उचित मानी जाती है. इसे आप हाइड्रोपॉनिक्स जैसी वैज्ञानिक विधि के माध्यम से भी खेती कर सकते हैं. इसे अच्छी तरह से खिले रहने के लिए अच्छी नमीयुक्त मिट्टी की जरुरत होती है.
खाद एवं उर्वरक
आर्किड के पौधे के लिए उचित पोषकता और जल जरुरी होता है. इसके लिए खाद के तौर पर पेड़ की सड़ी छाल, केंचुआ खाद का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा आप कैल्सियम नाइट्रेट, अमोनियम नाइट्रेट और आयरन को पानी में घोलकर पौधे के लिए खाद के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं.
सिंचाई
आर्किड के फूलों को पर छिड़काव विधि से सिंचाई अधिक फायदेमंद होता है. इस गर्मियों में सुबह-शाम दोनों समय सिंचाई की आवश्यकता होती है. जाड़े के दिनों में आप एक बार सिंचाई कर सकते हैं. आर्किड को कम पानी की जरुरत होती है.
तापमान
आर्किड के फूलों के लिए 25 से 30 डिग्री के तापमान की जरुरत होती है. इसके फूल के विकास के लिए अधिक आर्द्रता की आवश्यकता होती है.
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फसल की कटाई
आर्किड के फुलों की कटाई शाम के वक्त ही करनी चाहिए क्योंकि इस समय फूल पूरी तरह से खिले हुए रहते हैं. सुबह के समय फूलों में मुरझाहट रहती है. आर्किड का फूल खिलने के 3 से 4 दिन बाद सूखने लगते हैं. इसके रख रखाव के लिए कोल्ड स्टोरेज की जरुरत होती है.