Success Story: बीसीए की डिग्री लेकर शुरू किए मछली पालन, अब सालाना कमा रहे 20 लाख रुपये खुशखबरी! पीएम किसान की 18वीं किस्त हुई जारी, करोड़ों किसानों के खाते में पहुंचे पैसे धान के पुआल से होगा कई समस्याओं का समाधान, जानें इसका सर्वोत्तम प्रबंधन कैसे करें? केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक पपीता की फसल को बर्बाद कर सकता है यह खतरनाक रोग, जानें लक्षण और प्रबंधित का तरीका
Updated on: 5 September, 2023 3:00 PM IST
Nutmeg cultivation by natural method

Nutmeg cultivation:  भारत देश में हर प्रकार के फसलों की खेती की जाती है. इस बदलते खेती के युग में अब किसान नगदी फसल की खेती की ओर ज्यादा रुझान कर रहे हैं. इस नगदी फसल की खेती से मुनाफा कमाकर किसान संपन्न हो रहे हैं. आज हम आपको ऐसी ही एक फसल जायफल की खेती के बारे  में बताने जा रहे हैं. इसे नकदी फसल के तौर पर ही उगाया जाता है. आज कल किसान इसकी खेती प्राकृतिक तरीके से कर काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

खेती का तरीका

मिट्टी

विशेषज्ञों के अनुसार, जायफल के लिए बलुई दोमट और लाल लैटेराइट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है. इसका पीएच मान 5 से 6 के बीच होना चाहिए. इसके बीज की बुआई के पहले खेती की गहरी जुताई की जरुरत होती है.

जलवायु

जायफल एक सदाबहार पौधा होता है. इसकी बीजाई के लिए 22 से 25 डिग्री के तापमान की जरुरत होती है. अधिक गर्मी वाले इलाकों में इसकी खेती में नहीं हो पाती है. जायफल के बीज अंकुरित ही नहीं हो पाते हैं.

खेत को करें तैयार

बीज की बुवाई के बाद खेत को अच्छी तरह से सींच दें. इसके लिए खेत में गड्डे तैयार किए जाते हैं. खेत की मिट्टी पलटने के लिए हल से गहरी जुताई करें. 4 से 6 दिन बीतने के बाद खेत में कल्टीवेटर की मदद से 3 से 4 बार जुताई करें.

ये भी पढ़ें: आर्किड फूल की खेती, जानें इसकी क्या है उपयोगिता

आर्गेनिक खाद का उपयोग

जायफल के पौधों की बुवाई के बाद खेतों में निरंतर अंतराल पर खाद देते रहना चाहिए. खेत में गोमूत्र और बाविस्टीन के मिश्रण को डाल देना चाहिए. जायफल के पौध तैयार होने में आर्गेनिक खाद, गोबर, सड़ी गली सब्जियों का इस्तेमाल करना चाहिए.

पैदावार

जायफल की पैदावार 4 से 6 साल बाद शुरु हो जाती है. इसका असल लाभ 15 से 18 साल बाद मिलना शुरू होता है. इसके पौधों में फल जून से अगस्त माह के बीच लगते हैं. यह पकने के बाद पीले रंग के हो जाते हैं. इसके बाद जायफल के बाहर का आवरण फट कर बाहर निकल जाता है. अब आपको इसकी तुड़ाई कर लेनी चाहिए.

English Summary: Nutmeg cultivation by natural method
Published on: 05 September 2023, 03:02 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now