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Updated on: 4 November, 2019 3:19 PM IST
Wheat

कृषि क्षेत्र में आये दिन नवाचार हो रहा है. इसी कड़ी में हाल ही में आईसीएआर के करनाल स्थित गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान केन्द्र ने गेहूं की एक नई किस्म 'करन वन्दना'  पेश की है. यह किस्म रोग प्रतिरोधी क्षमता के साथ-साथ अधिक उपज देने वाली है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, गेहूं की यह किस्म पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल के उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है. 

कई साल के अनुसंधान के बाद विकसित 'करन वन्दना' अधिक पैदावार देने के साथ गेहूं 'ब्लास्ट' नामक बीमारी से भी लड़ने में सक्षम है. वैज्ञानिकों के अनुसार गेहूं की यह किस्म उत्तर-पूर्वी भारत के गंगा तटीय क्षेत्रों की कृषि भौगोलिक परिस्थितियों और जलवायु में खेती के लिए उपयुक्त है. उनके अनुसार जहां गेहूं की अन्य किस्मों से औसत उपज 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त की जाती है. वहीं 'करन वन्दना' से 64.70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से भी अधिक की पैदावार हासिल की जा सकती है.

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया है कि, '' 'करन वन्दना'-डीबीडब्ल्यू 187  में गेहूं की अन्य क़िस्मों के अपेक्षा रोग से लड़ने की कहीं अधिक क्षमता है. साथ ही इसमें प्रोटीन के अलावा जैविक रूप से जिंक, आयरन और कई अन्य महत्वपूर्ण खनिज तत्व मौजूद हैं जो आज पोषण आवश्यकताओं की जरुरत के लिहाज से इसे बेहद उपयुक्त बनाता है.''. उन्होंने आगे बताया कि गेहूं के इस नई किस्म की बुवाई के बाद फसल की बालियां 77 दिनों में निकल आती हैं. यह 120 दिनों में पूरी तरह से तैयार हो जाता है. उन्होंने बताया कि गोरखपुर के महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केन्द्र के साथ मिलकर स्थानीय किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया था.

इस कार्यक्रम से जिले के राखूखोर गांव की प्रशिक्षण लेने वाली एक महिला किसान (श्रीमती कोल्ला देवी, पत्नी- अर्जुन) ने इस बीज की खेती कर लगभग 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गेहूं का उत्पादन कर सबको चकित कर दिया. दरअसल श्रीमती कोइला देवी गोरखपुर के उन 100 किसानों में शामिल थीं जिन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया और करण वंदना के 2.5 किलोग्राम बीज की मिनी किट भी प्राप्त की. उन्होने नवंबर, 2018 के तीसरे सप्ताह में गेहूँ की बुआई की.

कोइला देवी ने खेत में उर्वरकों की अनुशंसित खुराक (150: 60: 40 किलोग्राम एनपीके/हेक्टेयर) डाली और दो बार सिंचाई की. फसल के मौसम (सीजन) के दौरान उसने दो बार मैन्युअली (हाथ से) निराई किया. 10 अप्रैल, 2019 को 266 मी 2 (82.52 क्विंटल/हेक्टेयर) के छोटे क्षेत्र से उसने 220 किलोग्राम गेहूँ के उच्च पैदावार का लाभ उठाया. वर्तमान में, कोइला देवी क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए आकांक्षा और प्रेरणा के स्रोत हैं.

गेहूं की उन्नत किस्म डी बी डब्ल्यू 187 (करण वंदना) के संबंध में अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें 9826179260, 877 0799640

English Summary: new wheat variety 'Karan Vandana' produces up to 80 quintals in 1 hectare!
Published on: 04 November 2019, 03:23 PM IST

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