AIF Scheme: किसानों के लिए वरदान है एग्री इंफ्रा फंड स्कीम, सालाना कर सकते हैं 6 लाख रुपये तक की बचत, जानें कैसे करें आवेदन स्टार 33 मक्का: कम निवेश में बंपर उत्पादन की गारंटी इस किस्म के दो किलो आम से ट्रैक्टर खरीद सकते हैं किसान, जानें नाम और विशेषताएं भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 18 January, 2024 6:53 PM IST
पूसा ने गेहूं का नया बीज HD 3385 विकसित किया

New Variety of Wheat: हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है. यहां के ज्यादातर किसान खेती पर निर्भर हैं. किसान अच्छी उपज और गुणवत्ता वाले बीजों को उच्च प्राथमिकता देते हैं क्योंकि रबी सीजन में बोई जाने वाली मुख्य गेहूं फसल की नई रोग प्रतिरोधी और गुणवत्ता वाली किस्में अधिक लाभदायक होती हैं, जिससे अधिक उपज के साथ बेहतर मुनाफा होता है. ऐसे में आज हम किसानों को गेहूं के नए बीज एचडी 3385 (HD 3385) के बारे में बताने जा रहे हैं, जो न केवल जलवायु परिवर्तन के लिए उपयुक्त है, बल्कि इसका गेहूं की फसल पर कोई प्रतिकूल प्रभाव भी नहीं पड़ेगा. इसके अलावा इस नए बीज से किसानों को बंपर पैदावार भी मिलेगी.

बता दें कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा ने गेहूं का ऐसा बीज एचडी 3385 (HD 3385) तैयार किया है, जिसे केवल अक्टूबर महीने में ही बोया जा सकता है. कृषि जागरण से खास बातचीत के दौरान पूसा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राजवीर सिंह ने बताया कि तापमान बढ़ने से पहले यह बीज पककर तैयार हो जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि इस बीज की बुआई अक्टूबर के बाद नवंबर या दिसंबर में की जा सकती है, लेकिन बाद में बुआई करने से इसकी पैदावार पर फर्क पड़ेगा.

उपज 7 टन प्रति हेक्टेयर

बातचीत के दौरान पूसा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राजवीर सिंह ने बताया कि मौसम में आए बदलाव के चलते पूसा ने गेहूं का ऐसा बीज तैयार किया है, जिसे अक्टूबर माह में ही बोया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस किस्म की पैदावार 7 टन प्रति हेक्टेयर हो सकती है. तापमान बढ़ने से पहले यह तैयार हो जाएगा. उन्होंने बताया कि अगर इसे नवंबर में बोया जाए तो पैदावार 6 टन और अगर दिसंबर में बोई जाए तो पैदावार 5 टन प्रति हेक्टेयर हो सकती है. यानी अगर समय पर बुआई की जाए तो प्रति हेक्टेयर दो टन तक का फायदा प्राप्त किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: गेहूं व जौ की फसल के लिए बेहद खतरनाक है चेपा कीट, इसके बचाव के लिए अपनाएं ये विधि

75 कंपनियों से समझौता

बीजों की उपलब्धता के बारे में पूछे जाने पर डॉ. राजवीर सिंह ने बताया कि यह बीज सभी विक्रेताओं के पास उपलब्ध नहीं होगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल बीज एचडी 3385 (एचडी 3385) के लिए 75 कंपनियों से समझौता किया गया है.

यह बीज इन्हीं कंपनियों से मिलेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि विक्रेताओं की सूची भी जल्द जारी की जाएगी, ताकि किसान इन बीजों को अपने नजदीकी विक्रेताओं से आसानी से खरीद सकें.

English Summary: new variety of wheat New wheat seed HD 3385 developed wheat crop Indian Agricultural Research Institute Pusa seeds wheat cultivation gehu ki kheti Indian Agricultural Research Institute Pusa ICAR
Published on: 18 January 2024, 06:57 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now