Kavuni Co-57, New Paddy Variety: हाल ही में तमिलानाडु कृषि विश्वविद्यालय ने कवुनी चावल की नई किस्म ‘Co-57’ विकसित की है. कवुनी चावल, जिसे ब्लैक राइस (Black Rice) के नाम से भी जाना जाता है. ये भारत के कुछ हिस्सों सहित तमिलनाडु में विशेष रूप से उगाए जाने वाली धान (Paddy Farming) की एक लोकप्रिय किस्म है. धान की नई किस्म ‘कवुनी Co-57’ में उच्च उत्पादन क्षमता और पोषण तत्व होने के कारण तमिलनाडु में धान की खेती में क्रांति आने की उम्मीद जताई जा रही है. ऐसे में चलिए इस लेख में जानते हैं कवुनी Co-57 धान की किस्म की विशेषताएं...
कवुनी Co-57 की उच्च उपज क्षमता
कवुनी Co-57, धान मध्यम दाने वाली काले चावल की किस्म है, जिसकी उत्पादन क्षमता सामान्य कवुनी चावल की तुलना में दोगुनी है. कवुनी Co-57 प्रति हेक्टेयर 4600 किलोग्राम की उपज देती है. ऐसा कहा जा रहा है कि ये किसानों द्वारा वर्तमान में उपयोग की जा रही कवुनी किस्म की तुलना में 100% अधिक पैदावार देगी. ऐसे में कवुनी की नई किस्म Co-57 उन किसानों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है जो अपनी आजीविका के लिए धान की खेती पर निर्भर रहते हैं.
किसी भी मौसम में कर सकते हैं इसकी खेती
इसकी सबसे खास बात ये है कि इसकी खेती किसी भी मौसम के लिए उपयुक्त हैं. यानी आप इसकी खेती सालभर में किसी भी मौसम में कर सकते हैं. इसकी जानकारी खुद तमिलानाडु कृषि विश्वविद्यालय की कुलपति वी गीतालक्ष्मी ने कवुनी Co-57 किस्म को जारी करने के दौरान दी है. कुलपति गीतालक्ष्मी ने कहा था कि इसे साल भर उगाया जा सकता है.
कम अवधि में तैयार होती है इसकी फसल
कवुनी Co-57 की फसल की कटाई 130-135 दिनों की होती है, जो कि दूसरे कवुनी किस्म की तुलना में बेहद कम अवधि है. यानी की इसकी फसल जल्दी तैयार हो जाती है, जिससे किसानों का समय बचने के साथ ही कम समय में अच्छा मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा.
कवुनी Co-57 सेहत के लिए बेहद लाभकारी!
यह कवुनी की परंपरागत किस्म की तुलना में 100% अधिक रोगरोधी होती हैं. इसके साथ ही इसमें उच्च पोषण तत्व पाए जाते है. इसमें फाइबर और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है और कार्बोहाइड्रेट कम होता है, जो इसे चावल की अन्य किस्मों की तुलना में एक स्वस्थ विकल्प बनाती है. वहीं, तमिलानाडु कृषि विश्वविद्यालय के हवाले से कहा गया है कि फ्लेवोनोइड्स की मौजूदगी के कारण कावुनी में कैंसर रोधी गुण भी होते हैं. यानी कि कहा जा सकता है कि इसे खाने से कैंसर जैसी बिमारी भी दूर हो सकती है.
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काले चावल (कवुनी Co-57) के फायदें
जैसा कि कवुनी Co-57 काले चावल की किस्म है. ऐसे में समान्य जानकारियों की मानें तो कथित तौर पर काले चावल में ‘एंथोसायनिन/ नामक एक यौगिक होता है, जिसके कारण इसका रंग काला होता है और यही इसे एंटी-इफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और कैंसर रोधी गुण प्रदान करता है. इसमें महत्वपूर्ण कैरोटिनॉयड भी होते हैं जिन्हें आंखों की सेहत के लिए काफी लाभकारी माना जाता है.