Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 13 January, 2020 2:08 PM IST

किसानों की आमदनी में इजाफ़ा करने के लिए सरकार के साथ-साथ कृषि वैज्ञानिक भी अनवरत प्रयासरत रहते है. और आए दिन नवाचार करते रहते है. कृषि वैज्ञानिकों की ही देन है कि कृषि क्षेत्र में व्यापक स्तर पर बदलाव आया है और देश का युवा वर्ग खेती किसानी में अपना रुझान व्यक्त का रहा है. अब कृषि वैज्ञानिकों ने बैंगन की दो ऐसी किस्में ईजाद की है जो उच्च पोषक तत्वों के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है और यह परंपरागत किस्मों की तुलना में ज्यादा पैदावार देती है. दरअसल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने हाल में पूसा सफेद बैंगन 1 और पूसा हरा बैंगन 1 किस्मों का ईजाद किया है जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है. ये किस्में परंपरागत किस्मों की तुलना में जल्दी फूलने फलने लगती है और भरपूर पैदावार भी देती हैं. इसमें उच्च ऑर्गेनिक कंपाउंड फेनॉल भी पाया जाता है.

पूसा सफेद बैंगन 1

पूसा सफेद बैंगन 1 आकर्षक होने के साथ ही सफेद रंग का और अंडे के आकार का होता है जिसकी खेती उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में खरीफ के दौरान की जा सकती है. इसके अलावा जिन हिस्सों में बैंगन  की खेती की जाती है उन स्थानों पर भी इसकी पैदावार ली जा सकती है.

पूसा सफेद बैंगन 1 की विशेषता

पूसा सफेद बैंगन 1 जल्दी तैयार होने वाली किस्म है जो पौधा लगाने के 50 से 55 दिनों में फलने लगती है. इसके एक बैंगन  का वजन तकरीबन 50 से 60 ग्राम होता है जोकि गुच्छों में फलते हैं. एक हेक्टेयर में पूसा सफेद बैंगन  1 की पैदावार तकरीबन 35 टन तक होती है. तो वहीं, एक हेक्टेयर में बैंगन के पौधे लगाने के लिए 250 ग्राम बीज की जरुरत होती है जिसे पौधाशाला में लगाया जाता है. 

पूसा हरा बैंगन 1

पूसा हरा बैंगन 1 उच्च आक्सीडेंट गुणों से भरपूर है और इसे खरीफ के दौरान उत्तर भारत में लगाया जा सकता है. इस किस्म के बैंगन  गोल और हरे रंग का होता है जो देखने बेहद आकर्षक होता है.

पूसा हरा बैंगन 1 की विशेषता

पूसा हरा बैंगन 1 में लगाये जाने के 40 दिनों के बाद ही फूल निकलने लगते हैं तथा 55 से 60 दिनों में इसके फल तोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं. इस किस्म की पैदावार प्रति हेक्टेयर 40 से 45 टन तक ली जा सकती है. इसके एक फल का वजन 210 से 220 ग्राम तक होता है. अधिकांश किस्म की बैंगन की पैदावार प्रति हेक्टेयर 25 से 30 टन तक होती है.

English Summary: new varieties of brinjal 'Pusa white brinjal 1' and 'Pusa green brinjal 1' will yield up to 35 tonnes in 1 hectare, know what is the specialty
Published on: 13 January 2020, 02:10 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now