नैनो यूरिया कृषि क्रांति का अगला कदम माना जा रहा है. जो खेतों में खाद की जरूरत को पूरा करने के लिए बेहद कारगर है. विशेषज्ञों के मुताबिक नैनो तरल यूरिया से न सिर्फ उत्पादन बढ़ता है, बल्कि फसल की गुणवत्ता भी अच्छी होती है. नैनो तरल यूरिया, दानेदार यूरिया से सस्ती भी है. जिससे खेती की लागत में भी कमी आती है. ऐसे में नैनो यूरिया का इस्तेमाल और फायदे के बारे में जानते हैं. बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई, 2021 को गुजरात के कलोल में देश के पहले नैनो यूरिया (लिक्विड) प्लांट (IFFCO NANO UREA Liquid) का उद्घाटन किया. इस प्लांट से रोजाना 500 मिलीलीटर की लगभग 1.5 लाख बोतलों का उत्पादन होगा. अब देश में 8 और नैनो प्लांट खोलने की योजना है. दावा है कि नैनो यूरिया से फर्टिलाइजर के मामले में भारत की विदेशों पर निर्भरता कम होगी.
किसान को फायदा
इफको के चीफ फील्ड मैनेजर बृजवीर सिंह के मुताबिक नैनो यूरिया लिक्विड की आधा लीटर की एक बोतल में 40 हजार पीपीएम नाइट्रोजन होता है. जो सामान्य यूरिया के 45 किलोग्राम के एक बैग के बराबर होती है. एक बैग यूरिया में 46 परसेंट नाइट्रोजन होता है. लेकिन यूरिया का छिड़काव करने से नाइट्रोजन की पूरी मात्रा पौधों को नहीं मिल पाती है. किसान पौधों की बढ़वार के लिए ज्यादा मात्रा में यूरिया का इस्तेमाल करते हैं. इससे फसल की लागत तो बढ़ती ही है साथ में पर्यावरण को भी नुकसान होता है. एक एकड़ खेत में 150 लीटर पानी में नैनो यूरिया की एक बोतल का घोल बनाकर इस्तेमाल करते हैं. घोल के रूप में यूरिया देने से पौधों को पूरी मात्रा में नाइट्रोजन मिलती है.
किसान की बचत
नैनो यूरिया की आधा लीटर बोतल की कीमत 240 रुपये है. यह एक एकड़ खेत के लिए पर्याप्त है, जबकि यूरिया के एक बैग की वर्तमान कीमत 266.50 रुपये है और ज्यादातर किसान एक एकड़ खेत में एक से अधिक यूरिया बैग का इस्तेमाल करते हैं. नैनो यूरिया के इस्तेमाल से किसान को पैसे की बचत तो होगी ही साथ ही पैदावार ज्यादा मिलेगी और पर्यावरण महफूज रहेगा.
ऐसे करें नैनो यूरिया का इस्तेमाल
एक लीटर पानी में 2-4 मिली नैनो यूरिया (4% N) मिलाएं और फसल बढ़वार के चरणों में फसल के पत्तों पर स्प्रे करें. 15 लीटर की टंकी में 30-60 मिली. नैनो यूरिया डालें. इस प्रकार प्रति एकड़ 125 लीटर पानी पत्तियों पर छिड़काव करें. बताया जाता है कि अच्छा परिणाम हासिल करने के लिए दो बार स्प्रे करें, जैसे कि पहला स्प्रे सक्रिय जुताई/शाखाओं की अवस्था में तो दूसरा स्प्रे पहले स्प्रे के 20-25 दिन बाद या फसल में फूल आने से पहले करें.
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वहीं उपयोग करने से पहले बोतल को अच्छी तरह हिलाएं. पत्ते पर एक समान छिड़काव के लिए फ्लैट पंखे या कटे हुए नोजल का प्रयोग करें. ओस से बचने के लिए सुबह या शाम के समय स्प्रे करें. नैनो यूरिया स्प्रे के 12 घंटे के भीतर अगर बारिश होती है तो स्प्रे को दोहराने की सलाह दी जाती है. नैनो यूरिया को आसानी से जैव उत्तेजक, 100% पानी में घुलनशील उर्वरकों और अन्य संगत कृषि रसायनों के साथ मिलाया जा सकता है.