Mustard Variety Pusa Double Zero Mustard 31: अगर आप इस रबी सीजन में सरसों की खेती करने की सोच रहे हैं और ऐसी किस्म की तलाश में हैं जिससे अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके, तो आप पूसा डबल जीरो सरसों 31 की खेती कर सकते हैं. यह भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), पूसा द्वारा विकसित सरसों की एक उन्नत किस्म है. सरसों की इस किस्म की खेती पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू, और उत्तरी राजस्थान के किसान आसानी से कर सकते हैं. यदि किसान समय पर इसकी खेती करते हैं, तो बंपर उपज मिलती है. आइए इस लेख में Pusa Double Zero Mustard 31 के बारे में विस्तार से जानते हैं.
पूसा डबल जीरो सरसों 31 (Pusa Double Zero Mustard 31) की विशेषताएं
पूसा डबल जीरो सरसों 31 की सबसे खास बात यह है कि यह देश की पहली कैनोला गुणवत्ता वाली भारतीय सरसों की किस्म है. इसका मतलब है कि इसमें इरूसिक अम्ल 2% से कम और ग्लुकोसिनोलेट्स 230 पीपीएम तक होते हैं, जो इसे सेहतमंद बनाते हैं. इसके तेल की मात्रा लगभग 41% होती है, जो इसे तेल उत्पादन के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाती है.
इसके बीज पीले रंग के और छोटे होते हैं, जिनका वजन लगभग 3.7 ग्राम प्रति 1000 बीज होता है. इस किस्म के पौधे की औसत ऊंचाई 198 सेमी होती है, जिसमें मुख्य शाखा की लंबाई 56 सेमी तक होती है. पौधों में भरपूर फली लगती है, जो इसके उच्च उत्पादन की एक महत्वपूर्ण वजह है.
पूसा डबल जीरो सरसों 31 (Pusa Double Zero Mustard 31) की उपज और परिपक्वता
पूसा डबल जीरो सरसों 31 की औसत उपज लगभग 23.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जबकि अधिकतम उपज 27.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है. इसकी फसल 142 दिनों में परिपक्व हो जाती है, जिससे समय पर कटाई की जा सकती है.
खेती के महत्वपूर्ण सुझाव
पूसा डबल जीरो सरसों 31 से बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए सही समय पर बुवाई, उचित उर्वरक का इस्तेमाल, और सिंचाई का सही प्रबंधन आवश्यक है. यहां कुछ खेती के सुझाव दिए गए हैं:
बीज दर: सरसों की बुवाई के दौरान एक हेक्टेयर में 3-4 किलो बीज का उपयोग करें.
बुवाई की दूरी: बीजों की बुवाई करते समय पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30-45 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 10-15 सेमी रखें.
बीज की गहराई: बीजों को मिट्टी में 2.5 से 3.0 सेमी गहराई पर बोएं ताकि वे सही तरीके से अंकुरित हो सकें.
बुवाई का समय: समय पर बुवाई के लिए 15-20 अक्टूबर और देर से बुवाई के लिए 1-20 नवंबर का समय उपयुक्त होता है.
उर्वरक का उपयोग: उच्च उपज प्राप्त करने के लिए नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, और गंधक का सही मात्रा में उपयोग करना चाहिए.
सिंचाई: सिंचाई की संख्या फसल की जरूरत और जल उपलब्धता के अनुसार तय करें. आमतौर पर 1 से 3 सिंचाई पर्याप्त होती हैं.
पूसा डबल जीरो सरसों 31 (Pusa Double Zero Mustard 31) एक उन्नत किस्म है, जिसे सही तरीके से खेती करने पर किसान बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं. समय पर बुवाई, उर्वरक का संतुलित उपयोग, और सिंचाई का सही प्रबंधन इस किस्म से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए जरूरी हैं.