GFBN Story: कैसे लखन यादव ने बांस और प्राकृतिक खेती से खड़ा किया 2 करोड़ का एग्रो-बिजनेस Solar Subsidy: किसानों को सोलर पंप पर 90% अनुदान देगी राज्य सरकार, मिलेगी बिजली और डीजल खर्च से राहत GFBN Story: रिटायरमेंट के बाद इंजीनियर शाह नवाज खान ने शुरू की नींबू की खेती, अब कमा रहे हैं शानदार मुनाफा! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 18 September, 2023 5:05 AM IST
Mirchaiya dhaan

Mirchaiya dhaan: बिहार में धान की खेती की काफी उन्नत हैं. राज्य में कई तरह के धान की खेती काफी ही व्यापक तरीके से होती है. साथ ही यहां की जलवायु व मिट्टी धान की खेती के लिए काफी अच्छी हैं. यहां बासमती चावल, कतरनी चावल, सोनाचूर चावल व मिरचइया धान की खेती का काफी उत्पादन किया जाता है. यहां से चावल की खरीद-बिक्री देश-विदेशों तक की जाती है. बिहार में धान की कई किस्मों में से एक है मिरचइया धान. अभी कुछ महीनों पहले इसे GI- tag मिला है. जिसकी वजह से इस धान की पहचान अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बन गई है. मिरचइया धान के बने व्यजंन देश-विदेश के लोगों को काफी पसंद आ रहे है. आइये जानते हैं मिरचइया धान के बारे में.

बिहार के पश्चिमी चंपारण में होती है मिरचइया धान की खेती

बिहार के पश्चिम चंपारण में किसान मिरचइया धान की खेती काफी ही बड़े पैमाने पर करते हैं. मिरचइया धान एक बहुत ही सुगंधित किस्म का चावल है जिसकी काफी पैदावार होती है. इससे बना चूड़ा काफी सुगंधित होता है. पश्चिम चंपारण से मिरचइया धान व चूड़े की डिमांड देश के साथ-साथ विदेशों में भी काफी है. यहां की मिट्टी, जलवायु व पानी बहुत उपयोगी है जिससे बहुत ही मात्रा में उत्पादन होता है.

मिरचइया धान की किस्म

मिरचइया धान एक उन्नत किस्म की फसल है. इसके पौधे काफी लम्बे होते हैं. जिसका आकार काली मिर्च के जैसा है. जिसकी वजह से इसे मिर्च धान या मिरचइया धान कहते हैं. किसान जब इसकी बुवाई करते हैं तो यह किस्म 140-150 दिनों के अंदर पककर पूरी तरह से तैयार हो जाती है. ये फसल 20-25 क्विटंल प्रति हेक्टर उपज देती है.

ये भी पढ़ें: जया धान किस्म से मिलेगी प्रति हेक्टेयर 75 क्विंटल पैदावार, जानें इसकी खासियत

मिरचइया धान की खेती से किसानों को हो रही है अधिक आय

मिरचइया धान की खेती जैविक पद्धति से की जाती है. पिछले साल यहां के किसान भाइयों ने 75 एकड़ रकबा में खेती की थी. अब ये बढ़कर 125 एकड़ हो गई है. बिहार के कई क्षेत्रों में इसकी खेती धीरे-धीरे शुरु हो रही है. कई किसानों का मानना था है कि मिरचइया धान की खेती से किसानों को काफी फायदा हो रहा है साथ ही इसकी डिमांड भी बड़ी तेजी से बढ़ रही है. मिरचइया धान की खेती किसानों के हित में हैं एवं इसकी खेती से अधिक आय किसान भाइयों को मिल रही है.

English Summary: Mirchaiya dhaan is a very aromatic variety of rice produced
Published on: 18 September 2023, 05:57 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now