किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ खुशखबरी! अब राज्य सरकार इन 2 कृषि यंत्रों को खरीदने पर दे रही 80% अनुदान, जानिए कैसे उठाएं लाभ Farming Tips: मई महीने में किसान करें ये जरूरी कृषि कार्य, बढ़ेगा उत्पादन होगा मोटा मुनाफा Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 28 April, 2025 12:24 PM IST
मई महीने में किए जाने वाले महत्वपूर्ण कृषि कार्य (Image Source: Freepik)

Agriculture Tips: भारत में मई महीना खेती के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस समय मौसम गर्म और शुष्क रहता है, जिससे खेतों की तैयारी और फसल की देखभाल पर विशेष ध्यान देना जरूरी होता है. मई में रबी फसलों की कटाई का कार्य लगभग पूरा हो जाता है और खरीफ फसलों की बुवाई की तैयारी शुरू होती है. किसान इस महीने में खेतों की जुताई, खाद और पानी का प्रबंधन करते हैं ताकि आने वाली फसलें अच्छी हो सकें. इसके अलावा, बीज उपचार, सिंचाई व्यवस्था की जांच और कीट-रोग नियंत्रण पर भी ध्यान दिया जाता है.

मई का महीना कृषि चक्र में एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जिसमें सही योजना और मेहनत से खरीफ फसलों की सफलता तय होती है. इस समय किया गया सही कृषि प्रबंधन पूरे साल की कृषि उपज को बेहतर बना सकता है.

जायद फसलों की उचित देखभाल

मूंग, उड़द, तिल इत्यादि फसलों की आवश्यकतानुसार सिंचाई करें . फसल पकने के 15 दिनों पूर्व सिंचाई बंद कर दें . पूरी फसल अवधि में लगभग तीन-चार सिंचाईयों की जरूरत पड़ती है . रसचूसक कीटों का प्रकोप होने पर इमीडाक्लोप्रिड 5 मि.ली. प्रति स्प्रेयर (15 लीटर पानी) घोल बनाकर छिड़काव करें.

ग्रीष्मकालीन सब्जियां

भिण्डी एवं समस्त बेल वाली सब्जी फसलें फलन-फूलन की अवस्था में है. भिण्डी की फसल को पीत शिरा रोग एवं बेल वाली सब्जियों की लाल कीड़ों से सुरक्षा के लिये एसिटामिप्रिड का छिड़काव करें. भिण्डी के पीले पड़े पौधों को उखाड़ कर, खेत के किनारे मिट्टी में दबा दें.

मशीन से काटे गए गेहूं के खेत में रोटावेटर से कराएं जुताई

बदलते दौर में खेती-किसानी के काम में मशीनों का उपोयग बढ़ गया है. गेहूं की कटाई कंबाइन (हार्वेस्टर) से होती है. ये फसल को काफी ऊपर से काटता है. इस कारण खेत में डंठल रह जाते हैं. डंठल को जलाना खेत की उर्वरक शक्ति के साथ ही पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक है. ऐसे में एक अच्छी बारिश के बाद रोटावेटर हल से खेत की जुताई करा देनी चाहिए. इससे डंठल के छोटे-छोटे टुकड़े हो जाते हैं और बारिश के बाद गलकर खेत में ही खाद बन जाते हैं.

उड़द और मूंग की बुवाई

अगर किसानों को ग्रीष्मकालीन उड़द और मूंग की बुवाई करनी है तो इस महीने तक उसे संपन्न कर लें. इससे खरीफ फसलों की बुवाई का काम भी समय से हो सकेगा. इसमें देरी का असर आपकी अगल फसल की तैयारी के साथ दलहन के पैदावार पर भी पड़ेगा. अरहर की बुवाई से पहले खेत की जुताई का काम पूरा कर लें. उन्नत किस्म की बीजों की ही बुआई करनी चाहिए.

धान की नर्सरी के लिए तैयार कर लें खेत

धान की नर्सरी/Rice Nursery बनाने का काम भी अब शुरू होने वाला है ऐसे में उन्नत बीज, खाद, खर-पतवार नाशक और कीटनाशक की खरीद कर लें. खेत की जुताई कराकर कुछ समय के लिए छोड़ दें. बारिश के बाद दोबारा जुताई करा दें ताकि खरपतवार धूप से समाप्त हो जाएं. अगर इसके बाद भी नर्सरी के खेत में खरपतवार रह जाता है तो उसकी निराई कर लें.

गोबर और कंपोस्ट की खाद डालकर मिट्टी में मिला दें

धान की कटाई के बाद कुछ खेतों में किसान बिना जुताई के ही सरसों, मटर, मसूर और तीसी की फसल बो देते हैं. अब इन फसलों की कटाई हो चुकी है लेकिन खेत उबड़-खाबड़ है तो ऐसे खेतों में समतलीकरण का कार्य कर लें, जिससे खेत में कम पानी की जरूरत हो और अच्छी फसल मिल सके. जून में बोई जाने वाली फसलों के लिए खेत की जुताई करा दें.  दोबार जुताई कराने से पहले गोबर की खाद या कंपोस्ट की खाद खेत में डालकर मिट्टी में मिला दें. इससे उर्वरक शक्ति बढ़ेगी और फसल की बढ़वार व पैदावार अच्छी होगी . मानसून के आगमन के साथ ही खरीफ सीजन शुरू हो जाता है खरीफ सीजन में प्रमुख रूप से धान की खेती अधिक होती है इसके अलावा अन्य फसलें भी बोई जाती है. खरीफ सीजन में अधिक लाभ कमाने के लिए उन्नत बीजों की बुवाई करना बहुत जरूरी है.

English Summary: May Agriculture Farming Tips for good production more profits in Kharif Crops Season
Published on: 28 April 2025, 12:33 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now