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Updated on: 3 April, 2023 3:00 PM IST
आम के कीट/व्याधि से सुरक्षा के उपाय

आम की खेती करने वाले किसानों के लिए ये समय बेहद महत्वपूर्ण है. क्योंकि पेड़ों पर आम के फल लग गए हैं या फिर लगने वाले हैं. ऐसे में इस दौरान फलों में कीट लगने का खतरा बढ़ जाता है. इसी के मद्देनजर बिहार सरकार के कृषि विभाग ने आम में लगने वाले कीट और उसके प्रबंधन की जानकारी दी है. ये जानकारी बिहार के कृषि विभाग के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट (@Agribih) के जरिए दी गई है. ऐसे में चलिए नीचे इसके बारे में अधिक जानकारी जानते हैं.

कृषि विभाग, बिहार सरकार द्वारा दी गई जानकारी निम्नलिखित हैं-

किसान भाइयों और बहनों मार्च महीने में हुई तेज वर्षा के कारण आम का फूल पानी में घुल गया. पौधों मेंजो सरसों या मटर के दाने के समान फल पकड़ लिया हैउनका देखभाल करना अथवा बचाना आवश्यक है. मटर के समान जब दाने बन जाते हैं तो (मिलीबग) कीट एवं पाउडरी मिल्ड्यु और एन्थ्रेक्नोज जैसी व्याधियों का आक्रमण मुख्य रूप से होता है. इससे मंजरों एवं टिकोलों की सुरक्षा के लिए पहला छिड़काव हो चुका, अब आम के भरपूर उत्पादन प्राप्त करने के लिए दो छिड़काव सही समय पर करने की अनुशंसा हैजिससे उत्पादन अच्छा होता है.

दूसरा छिड़काव

मंजरों में मटर के बराबर दाना लग जाने पर कीटनाशी के साथ-साथ किसी एक फफूंदनाशी को मिलाने की अनुशंसा हैजो मंजर को पाउडरी मिल्ड्यु एन एन्थ्रेक्नोज रोग से सुरक्षित रखता है. साथ हीइस घोल में अल्फा नेपथाईल एसीटिक एसीड (पीजीआर) मिलाया जाता हैजो फलों को गिरने से रोकता है.

तीसरा छिड़काव

आम में जब टिकोला बनने लगेतब तीसरा छिड़काव किया जाना चाहिए. तीसरे छिड़काव में कीटनाशी के साथ अल्फा नेपथाईल एसीटिक एसीड के अलावा आवश्यकतानुसारएक फफूंदनाशी को मिलाकर छिड़काव किया जाना चाहिए.

आम का मधुआ (Mango Hopper,Amritodus atkinsoni)

इस कीट के शिशु तथा प्रौढ़आम की मंजरियों और उसके मुलायम तनों से रस चूसते हैं. आम की मंजरियां मुरझा जाती हैं और भूरी हो कर गिर जाती हैं. इससे प्रभावित वृक्षों पर फल कम लगते हैं. गंभीर आक्रमण की अवस्था में पूरा पेड़ काला पड़ जाता है.

प्रबंधन

बाग की साफ-सफाई पर ध्यान रखें.

आम की तुड़ाई के उपरान्त बागों की जुताई करें.

इसकी रोकथाम के लिए एसीफेट 75 एस.पी. का 1 ग्राम या ऑक्सीडेमेटॉन मिथाइल 25 ई.सी. का 1 मिलीलीटर प्रति लीटर या डायमेथोएट 30 ई.सी. का 2 मिलीलटर प्रति 3 लीटर या इमीडाक्लोप्रीड 17.8 एस. एल. का 0.5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर वृक्ष पर छिड़काव करें. 15 दिनों के बाद पुन: छिड़काव करें.

ये भी पढ़ेंः आम के प्रमुख कीट एवं रोग और इसका प्रबंधन

नोट- इस लेख में दी गई जानकारी कृषि विभाग, बिहार सरकार के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ली गई है.

English Summary: Major pests and diseases of mango and its management
Published on: 03 April 2023, 01:50 PM IST

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