महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने किया Tractor Ke Khiladi प्रतियोगिता का आयोजन, तीन किसानों ने जीता 51 हजार रुपये तक का इनाम Mandi Bhav: गेहूं की कीमतों में गिरावट, लेकिन दाम MSP से ऊपर, इस मंडी में 6 हजार पहुंचा भाव IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 18 July, 2022 5:17 PM IST
Kulfa Cultivation

कुल्फा एक ऐसा पौधा है, जो हमें अक्सर कई जगह पर लगा हुआ दिख जाता है.खेतों में,सड़क के किनारे, नालियों के किनारे खरपतवार के रूप में ये पौधे कहीं भी उग जाते हैं.

इसे नोनिया भी कहा जाता है. अलग-अलग क्षेत्रों के लोग इसे अलग-अलग नामों से पुकारते हैं.

कैसा दिखता है कुल्फा का पौधा

इनकी पत्तियां गोल होती हैं. इसमें बहुत ही छोटे पीले रंग के फूल आते हैं. धीरे-धीरे इन फूलों का आकार छोटे से कैप्सूल के समान दिखने वाले फल में बदल जाता है. इनके कैप्सूल जैसे फलों से छोटे काले चमकीले रंग के बीज निकलते हैं. पौधों की पत्तियां इस तरह की होती हैं कि तेज गर्मी का प्रभाव भी इस पौधे पर नहीं पड़ता, लेकिन तेज सर्दी ये पौधा नहीं सहन कर पाता है.

प्राचीनकाल से ही है इसकी महत्ता

अनादि काल से ही कुल्फा जंगलों में रहने वाले लोगों का भोजन रहा है. आधुनिक चिकित्सा विज्ञान(modern medical science) की खोज से पहले ही लोग इस पौधे के चमत्कारी गुणों से परिचित थे, इसलिए इस की भाजी बड़े चाव से खाई जाती रही है. इसकी पत्तियों में हल्का खट्टापन होता है और इन पत्तियों को काटने पर हल्का लिसलिसापन भी नजर आता है.

क्या है कुल्फा के गुण

इसकी पत्तियों में विटामिन, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं. इसमें फैटी एसिड्स भी भरपूर होते हैं, जो कई बीमारियों के निदान में सहायता करते हैं. इसकी पत्तियों का सेवन करने से शरीर में फुर्ती और एकाग्रता आती है. इससे बीपी भी कंट्रोल रहता है और रक्त संचार भी बेहतर होता है. वजन घटाने के लिए भी यह बहुत उपयोगी है.

डब्ल्यूएचओ( WHO ) ने औषधीय पौधों की सूची में किया है शामिल

कुल्फा के गुणों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे अपने बहु उपयोगी औषधीय पौधों की सूची में शामिल किया है. ये एंटीऑक्सीडेंट्स और कैरेटिनोइड्स का अच्छा स्रोत है.

इसलिए है कुल्फा की खेती का चलन

इसके औषधीय गुणों और स्वाद को देखते हुए आजकल कुल्फा की भाजी की मांग काफी बढ़ गई है, इसलिए इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए इसकी खेती कई राज्यों में होने लगी है.

किस तरह बनाई जाती है कुल्फा की भाजी

कुल्फा की भाजी यूँ तो कई तरह से बनाई जाती है. आलू के साथ जिस तरह पालक बनाया जाता है, ठीक उसी तरह लहसुन, अदरक, हींग और खड़ी लाल मिर्च का तड़का देकर इसे बनाया जा सकता है. छाछ के साथ बेसन की कढ़ी में इसके पत्तों को  डालकर भी इसके स्वाद का आनंद लिया जा सकता है.

English Summary: Kulfa cultivation will earn well for farmers
Published on: 18 July 2022, 05:22 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now