सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 26 October, 2019 1:54 PM IST
Wheat Cultivation

गेहूं की बुवाई से पहले मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई के बाद डिस्क हैरो से दो बार जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी बनाकर ही गेहूं की बुवाई करना सही होता है. डिस्क हैरो के प्रयोग से धान के ठूंठ छोटे -छोटे टुकड़ों मे कट जाते है.

इन्हे शीघ्र सड़ाने हेतु 15-20 किग्रा० नत्रजन (यूरिया के रूप में) प्रति हेक्टर खेत को तैयार करते समय पहली जुताई पर अवश्य दे देना चाहिए. ट्रैक्टर चालित रोटावेटर द्वारा एक ही जुताई में खेत पूर्ण रूप से तैयार हो जाता है. हालांकि इससे इतर गेहूं की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए गेहूं की उचित क़िस्मों का होना बेहद जरूरी होता है -

सिंचित क्षेत्र (देर से बुवाई) - पी बी डब्ल्यू 373, पी बी डब्ल्यू 590, जी.डब्लू. 273, जी. डब्लू. 173, डब्ल्यू एच 1021, पी बी डब्ल्यू 16, एच यू डब्ल्यू 510, के 9423, के 9423, (उन्नत हालना), के 424 (गोल्डन हालना), लोक 1, राज 3765, जी डब्ल्यू 173, जी डब्ल्यू 273, एच डी 2236, राज 3077, राज 3777, एच.डी. 2932 आदि गेहूं की प्रमुख किस्में है.

गेहूं की उन्नत किस्मों का विवरण (Description of improved varieties of wheat)

डी.एल. 803 - गेहूं की इस किस्म के दाने का आकार मध्यम होता है और बुवाई के लिए उचित समय 15 से 25 नवम्बर है. इसकी औसत पैदावार 50 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.

जी. डब्लू. 173 -  इसकी बुवाई के लिए सही समय 15 से 20 दिसम्बर है. इसकी औसतन पैदावार 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है.

एच.आई.1077 - बुवाई के लिए सही समय 10 से 15 नवम्बर है तथा इसकी आउस्तान उपज प्रति हेक्टेयर 50 से 60 क्विंटल है.

एच आई 8381 - काली एवं भूरी रोली प्रतिरोधक, काठिया गेहूँ की यह किस्म सिंचित स्थितियों में उच्च खाद की मात्रा के साथ समय पर बुवाई के लिए सही है, इसकी औसतन 50 से 55 क्विंटल प्रति हैक्टेयर उपज होती है.

एच डी 2236 - गेहूं की यह किस्म 110 से 115 दिन में तैयार होती है. यह किस्म  देरी से बुवाई के लिए सही है. इसकी औसत उपज 30 से 35 क्विंटल प्रति हैक्टेयर होती है.

जी डब्ल्यू 190 - यह किस्म समय पर व अगेती बुवाई हेतु उपयुक्त है. इस किस्म की औसतन उपज 50 से 55 क्विंटल प्रति हैक्टेयर होती है.

सुजाता- गेहूं की यह किस्म बारानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है. इस किस्म की औसत उपज 10 से15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. 

राज 3777-  गेहूं की यह किस्म जनवरी के पहले सप्ताह तक बुवाई के लिए सही है. इसकी 30 से 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज होती है.

एच. डब्ल्यू- असिंचित क्षेत्रों हेतु उपयुक्त इस किस्म की पैदावार सुजाता के बराबर है, लेकिन रोली रोधिता अधिक होती है, 1000 दानों का वजन 40-45 ग्राम होता है.

जी.डब्ल्यू. 322- सींचित और समय से बुवाई के लिए यह उपयुक्त है, इसकी बुवाई का समय नवम्बर 15 तक है. इसकी उत्पादन क्षमता औसतन 47 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.

एच.डी. 2932- गेहूं की यह किस्म सिंचित क्षेत्रों में देरी से बुवाई के लिए उपयुक्त है. इसकी औसत उपज 40 से 45 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है.

एच.आई.8713- काठिया गेहूं की किस्म सिंचित क्षेत्रों हेतु देरी से बुवाई के लिए उपयुक्त पायी गई है. गेहूं की इस किस्म की उपज 50 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है.

सुजाता- गेहूं की यह किस्म बारानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है. इस किस्म की औसत उपज 10 से15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. 

राज 3777-  गेहूं की यह किस्म जनवरी के पहले सप्ताह तक बुवाई के लिए सही है. इसकी 30 से 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज होती है.

एच. डब्ल्यू- असिंचित क्षेत्रों हेतु उपयुक्त इस किस्म की पैदावार सुजाता के बराबर है, लेकिन रोली रोधिता अधिक होती है, 1000 दानों का वजन 40-45 ग्राम होता है.

जी.डब्ल्यू. 322- सींचित और समय से बुवाई के लिए यह उपयुक्त है, इसकी बुवाई का समय नवम्बर 15 तक है. इसकी उत्पादन क्षमता औसतन 47 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.

English Summary: Know the suitable climate, varieties and yields for wheat cultivation
Published on: 26 October 2019, 02:11 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now