सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 8 August, 2022 3:27 PM IST

भारत खेती-किसानी करने वाला देश है. ऐसे में यहां पर खेती के साथ-साथ पशुपालन करना एक आम बात है, लेकिन इस आम सी लगने वाली बात में खास यह है कि इन दिनों गाय के मूत्र से कीटनाशक का छिड़काव करने की स्प्रे तैयार की जा रही है. इसके साथ ही किसानों की आबंदनी में बढ़ोत्तरी की जा रही है.

वैज्ञानिकों का इस संबंध में मानना है कि रासायनिक कीटनाशकों के इस्तेमाल से उजड़ी धरती को बचाने के लिए गाय का गोबर और गौमूत्र अमृत के समान है. इसके इस्तेमाल से मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ती है, जिसके चलते खराब भूमि भी वापस ठीक होने लगती है. इस काम में गौमूत्र भी अहम भूमिका अदा करता है.

ये भी पढ़ें: गोबर के बाद अब गौमूत्र खरीदेगी इस राज्य की सरकार, 4 रुपये प्रति लीटर होगी खरीदी

इस तरीके से हो रहा है गौमूत्र का इस्तेमाल

गौमूत्र और देसी गाय का गोबर खेती की बुवाई से लेकर कटाई के बाद तक खेती में बढ़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ये खेती में आने वाली लागत को कम करके किसानों के खर्च को काफी हद तक बचाता है.

पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में फसलों पर इसके इस्तेमाल को काफी प्रोत्साहित किया जा रहा है. खासकर छत्तीसगढ़ सरकार गौमूत्र से कीटनाशक और उर्वरक बनाने के लिए ग्रामीण महिलाओं और पशुपालकों से गौमूत्र भी खरीद रही है. 

बीज उपचार के लिए हो रहा है गौमूत्र का इस्तेमाल

खेत की बुवाई करने से पहले बीज का उपचार किया जाता है. इन दिनों गौमूत्र का इस्तेमाल कर बीज का उपचार कुछ इस प्रकार किया जा रहा है 

  • बीजों का उपचार करने के लिए भारतीय नस्ल की गाय का 40 लीटर गौमूत्र पानी में मिला लेना चाहिए. इसके बाद खाद्यान्न फसल, दलहन, तिलहन और सब्जी फसलों के बीजों को 4 से 6 घंटे तक भिगोकर रखना चाहिए.

  • बीजों के उपचार की इस प्रक्रिया के बाद इनका अंकुरण जल्दी होता है.

कीटनाशक के रुप में गौमूत्र का इस्तेमाल

गौमूत्र से बना कीटनाशक आम रासायनिक कीटनाशकों से ज्यादा प्रभावी और शक्तिशाली होता है. इसे फसल की सुरक्षा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसके छिड़काव से पत्ती खाने वाले कीड़े, फल छेदक कीड़े और तना छेदने वाले कीटों पर नियंत्रण में भी काफी मदद मिलती है. कीटनाशक बनाने के लिए गौमूत्र के साथ-साथ नीम की पत्तियां, तंबाकू की सूखी पत्तियां, लहसुन, छाछ आदि का इस्तेमाल करके घोल बनाया जाता है, जिसका छिड़काव करने पर कीटों की समस्या भी टल जाती है.

English Summary: know here the benefits and uses of gaumutra spray
Published on: 08 August 2022, 03:33 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now