फसल के बचे अवशेषों को लेकर कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी, जानें क्या करें और क्या नहीं STIHL कंपनी ने हरियाणा में कृषि जागरण की 'एमएफओआई, वीवीआईएफ किसान भारत यात्रा' के साथ की साझेदारी कृषि लागत में कितनी बढ़ोतरी हुई है? सरल शब्दों में जानिए खेती के लिए 32 एचपी में सबसे पावरफुल ट्रैक्टर, जानिए फीचर्स और कीमत एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 20 April, 2023 12:00 PM IST
खेजड़ी की खेती देगी मोटा मुनाफा

दलहन फसलों में से एक खेजड़ी बहुत अहम फसल है. जिसमें कई औषधीय गुण (Medicinal Properties) भी हैं बदलते दौर में उपयोगी फसलों की खेती ज्यादा की जा रही है ऐसे में खेजड़ी की खेती (Khejdi Cultivation) मुनाफेमंद साबित हो सकती है. क्योंकि खेजड़ी की पकी सांगरीयों में लगभग 8-15 प्रोटीन, 40-50 प्रतिशत कार्बोहाइडे्रट, 8-15 प्रतिशत शर्करा, 8-12 प्रतिशत रेशा, 2-3 प्रतिशत वसा, 0.4-0.5 प्रतिशत कैल्सियम, 0.2-0.3 प्रतिशत लौह तत्व के अलावा अन्य सुक्ष्म तत्व होते हैं, जो कि मानव और पशुओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही गुणकारी मानी जाती है. खेजड़ी से उच्च कोटि की गुणवत्ता वाली पत्तियां मिलती हैं जो राजस्थान के शुष्क क्षेत्रें में पशुपालन का मुख्य आधार होती हैं. इसलिए खेजड़ी की खेती से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं.

खेजड़ी की खेती के लिए मिट्टी का चयन

 खेजड़ी के पेड़ मरु क्षेत्रों में पाई जाने वाली बालू रेत, रेत के टीबों और क्षारीय भूमि में अच्छा विकास करती है.

खेजड़ी की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

खेजड़ी उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र का पौधा है, जो सूखा रोधी गुणों के अलावा सर्दियों में पड़ने वाले पाले के साथ ही गर्मियों में उच्च तापमान को आसानी से सहन कर देता है.

खेजड़ी की खेती के लिए भूमि की तैयारी

भूमि को हल के साथ 3 से 4 बार जुताई करके तैयार करना चाहिए, जमीन को सुविधाजनक आकार के भूखंडों में बांटकर मुख्य और उप चैनल निर्धारित करते हैं. फिर 5 मीटर x 5 मीटर की दूरी पर 45 सेमी x 45 सेमी x 45 सेमी आकार के गड्ढे खोदते हैं. उन्हें 1:1 के अनुपात में शीर्ष मिट्टी और अच्छी तरह से विघटित गोबर की खाद से भरते हैं.

खेजड़ी की खेती के लिए नर्सरी तैयार करना

बीज से तैयार पौधों में अंकुरण क्षमता 90 फीसदी होती है, जिसके लिए एक हेक्टेयर के लिए लगभग 20 ग्राम बीज की जरुरत होती है. सबसे पहले 15 से 20 मिनट के लिए सल्फ्युरिक एसिड के साथ बीज को उपचारित करना चाहिए. और फिर मई के दौरान 2.0 सेमी गहराई पर पॉलीबैग में बोया जाता है. पौधे अंकुरित होने के बाद इन्हें कहीं और शिफ्ट कर सकते हैं. जुलाई और अगस्त महीने में तैयार गड्डो में एक महीने पुरानी रोपण को प्रत्यारोपित कर सकते हैं.

खेजड़ी की खेती के लिए सिंचाई प्रबंधन

अधिकतम विकास और उपज हासिल करने के लिए मासिक सिंचाई की जरुरत होती है, लेकिन पानी की कमी वाले क्षेत्रो में बिना किसी सिंचाई के केवल बरसात के पानी से भी फसल अच्छा विकास देती है.  

ये भी पढ़ें: ऐसे लगाएं ऐरोकेरिया का पौधा, सिर्फ क्रिसमस ट्री ही नहीं बल्कि अनेकों हैं फायदें

खेजड़ी की खेती के लिए कटाई

खेजड़ी एक धीमी गति से बढ़ने वाला पेड़ होता है जो फूल, फल और छाल उत्पादन में लगभग 7- 8 साल ले लेता है. 

खेजड़ी की खेती के लिए कटाई के बाद प्रबंधन

 खेजड़ी की पुरानी शाखाओं से नवंबर में चाकू की मदद से छाल का स्क्रैपिंग करना चाहिए, और फिर विपणन के लिए गन्नी बैग में शुष्क छायादार और हवादार जगह में संग्रहीत कर सकते हैं

English Summary: Khejdi plant can withstand drought and famine, farmers can earn well by farming!
Published on: 20 April 2023, 10:42 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now