Khas ki kheti: देश में रबी फसलों का सीजन खत्म हो चुका है. ऐसे में किसान अब खरीफ सीजन की तैयारियों में जुट गए हैं. खरीफ सीजन में वैसे तो कई सारे फसलें उगाई जाती हैं. जिसमें मुख्य तौर पर धान की खेती होती है. देश के कई राज्यों में खरीफ सीजन में धान की खेती की जाती है. जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा भी होता है. लेकिन, आज हम आपको ऐसी फसल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे किसान मालामाल हो सकते हैं.
दरअसल, हम जिस फसल की बात कर रहे हैं वो एक औषधीय पौधा है. इन दिनों औषधीय पौधों की खेती की ओर किसानों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है. इस पौधों की खास बात ये हैं की इसे रेतीली मिट्टी में भी उगाया जा सकता है. जिससे किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. किसान गर्मियों के दौरान खस की खेती कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. यह एक औषधीय पौधे है. जिसकी देश-विदेश में खूब डिमांड है. अच्छी डिमांड के कारण इसकी बिक्री भी तेजी से होती है. खस की खेती मुख्यत: राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश तथा झारखण्ड में की जाती है.
जड़ों से प्राप्त होता है सुगंधित तेल
खस एक ऐसी फसल है, जिसकी जड़ों का उपयोग होता है. जड़ों से सुगंधित तेल प्राप्त होता है. खस की फसल तैयार होने में 18 महीने का समय लगता है. रेतीली जमीन में खस की खेती अच्छे तरीके से की जाती है. काली मिट्टी में इसकी खेती नहीं करनी चाहिए. खस के जड़ों से प्राप्त होने वाले सुगंधित तेल की काफी डिमांड है. खस की खेती कर हर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकता है.
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18 महीने की फसल
खस 18 महीने की फसल है. ऐसे में किसान को मानसिक रूप से तैयार होना बेहद आवश्यक है. 18 महीने का समय बहुत होता है और मानसिक रूप से तैयार किसान इसकी खेती कर सकते हैं. खस की खेती में प्रति एकड़ की फसल से लगभग 15 किलो सुगंधित तेल प्राप्त होता है.
कितना होगा मुनाफा
तेल निकालने के बाद जड़ों का उपयोग कूलर के खस के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. बाजार में कूलर की खस की भी अच्छी कीमत मिल जाती है. खस की तेल का बहुत मांग है. यह प्रति किलो लगभग 15 हजार रुपए में बिकती है. किसान प्रति एकड़ लगभग दो से ढाई लाख रुपए खस की खेती से कमा सकते हैं.
खस की उन्नत किस्में
खस की खेती ज्यादा ठंड वाले प्रदेशों को छोड़कर कहीं भी की जा सकती है. खस की उन्नत किस्मों में पूसा हाइब्रिड – 8, हाइब्रिड – 16, सीमैप के एस.– 1, के.एस.- 2, सुगंध आदि शामिल है.