भारत में खरीफ सीजन की शुरुआत के साथ ही किसानों की तैयारियां जोरों पर हैं. इस बार किसानों के लिए राहत की बात यह है कि बाजार में कई नई और उन्नत किस्मों के बीज उपलब्ध हैं, जो न केवल फसल उत्पादन बढ़ाएंगे बल्कि विभिन्न रोगों और कीटों के प्रति भी अधिक प्रतिरोधक क्षमता रखते हैं. कृषि वैज्ञानिकों ने इन किस्मों को खासतौर पर देश के अलग-अलग क्षेत्रों के मौसम और मिट्टी के अनुसार विकसित किया है.
आइए इन उन्नत किस्मों के बारे में यहां विस्तार से जानते हैं ताकि आप सरलता से अपनी उपज और कमाई को बढ़ा सके.
धान की उन्नत किस्में/Paddy Varieties
धान किसानों के लिए इस बार कई बेहतरीन किस्में उपलब्ध हैं. इनमें प्रमुख हैं- राजेन्द्र श्वेता, राजेन्द्र विभूति, सीआर धान 108 (IET 29052), सबौर मंसूरी, सबौर हीरा, स्वर्ण पूर्वी धान-4 और पूर्णिमा. इसके अलावा स्वर्ण सब 1, पन्त धान-12, पूसा 834, पूसा-1401, पीबी-1692, पीबी-1121 और पीबी-1718 भी काफी लोकप्रिय हैं. किसानों को पूसा सीरीज के पूसा-1886, पूसा-1885, पूसा-1847, पूसा-1637, पूसा-1718, पूसा-1728 और पूसा-1692 भी उपयोगी साबित हो सकती हैं. साथ ही, कोकिला 11, 22, 33 और 44, सहभागी और एमटीयू-1010 जैसी किस्में भी बेहतर विकल्प हैं. हाइब्रिड धान के लिए जेआरएच-56, जेआरएच-8 और जेआरएच-19 भी किसानों को अच्छे उत्पादन का भरोसा देती हैं.
दलहनी फसलों की बेहतरीन किस्में
उड़द और अरहर जैसी दलहनी फसलों के लिए भी कई उन्नत प्रजातियां लाई गई हैं. उड़द में आईपीयू-13-01, आईपीयू-10-26, टीजेयू-130, टीजेयू-339, प्रताप और उड़द-1 प्रमुख हैं. वहीं अरहर के लिए आईपीए-15-06, जीआरजी-152 (भीमा), पूसा-16 और पूसा-992 बेहतर मानी जा रही हैं.
मक्का, ज्वार और अन्य मोटे अनाजों के लिए विकल्प
मक्का उत्पादकों के लिए जवाहर मक्का-12, जवाहर मक्का-1014, पूसा जवाहर हाइब्रिड-2, आईएमएच 230, आईएमएचएसबी 20 और आर-6 किस्में उपयुक्त हैं. ज्वार किसानों के लिए आरवीजे-2357 और आरवीजे-1862 बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं.
तेलहन फसलों की उन्नत किस्में
तिल की खेती करने वाले किसानों के लिए भी कई बेहतरीन किस्में पेश की गई हैं जैसे कृष्ण, पटना-64, कांके सफेद, विनायक, कालिका, कनक उमा, उषा और बी-67.
मिलेट्स यानी मोटे अनाजों के लिए बेहतर बीज
कोदो और कुटकी जैसी मोटे अनाजों की फसलों के लिए जवाहर कोदो-137, जवाहर कोदो-9-1, जवाहर कुटकी-36 और जवाहर कुटकी-95 किसानों को अच्छे परिणाम दे सकते हैं.
रागी किसानों के लिए बीएल मंडुआ-204, बीएल मंडुआ-146, बीएल मंडुआ-314, बीएल मंडुआ-315 जैसी किस्में प्रमुख हैं. इसके अलावा बीएल मंडुआ-124, बीएल मंडुआ-149, सीओ-9, सीओ-13, सीओ (रा)-14 और टीआरवाई-1 भी बेहतरीन विकल्प हैं.
कृषि वैज्ञानिकों की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि उन्नत बीजों का चयन करते समय स्थानीय कृषि अनुसंधान केंद्र से सलाह लेना जरूरी है. सही किस्म का चयन कर किसान कम समय में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं और अपनी आय बढ़ा सकते हैं. कुल मिलाकर खरीफ सीजन में इन उन्नत किस्मों के बीज किसानों के लिए नई उम्मीद लेकर आए हैं. अच्छी तैयारी और सही तकनीक के साथ अगर खेती की जाए तो इस बार उत्पादन में शानदार बढ़ोतरी हो सकती है.