रबी सीजन की शुरुआत हो चुकी है. अधिकतर राज्यों के किसानों ने अपने खेत खाली कर दिए हैं ताकि वह अगली फसल की बुवाई शुरू कर दें. रबी सीजन में गेहूं को मुख्य फसल माना जाता है. जिसे देश के हर राज्य में उगाया भी जाता है.
गेहूं की भी कई किस्में हैं जिसे समय, व जलवायु के अनुसार बोया जाता है. इसी कड़ी में आज हम किसान भाइयों को गेहूं की अगेती किस्म DBW 327 करण शिवानी के बारे में बताने जा रहे हैं. यह खास किस्म 20 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच बोई जाती है.
DBW 327 करण शिवानी गेहूं की अगेती किस्म है
इसे उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी क्षेत्रों के लिए विकसित किया है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर को डिवीजन को छोड़कर) और पश्चिमी उत्तरप्रदेश (झांसी डिवीजन को छोड़कर), जम्मू – कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के तराई क्षेत्रों में इसकी खेती से बंपर उत्पादन मिलेगा.
DBW 327 गेहूं की विशेषताएं
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गेहूं की DBW 327 किस्म की खास बात यह कि इसकी उत्पादन क्षमता 79.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जो कि HD 2967 से 35.3 फीसदी अधिक है.
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DBW 327 की संभावित उपज क्षमता 87.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
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यह किस्म सूखे के प्रति सहनशील है. उच्च तापमान में भी उच्छा उत्पादन देती है.
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गेहूं की इस खास किस्म में बुवाई के 98 दिनों में बालियां निकल जाती है.
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DBW 327 गेहूं की यह खास किस्म बुवाई के 155 दिनों बाद पककर तैयार हो जाती है.
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DBW 327 गेहूं के पौधों कि ऊंचाई 98 सेमी है.
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DBW 327 गेहूं के 1000 दानों का वजन 48 ग्राम होता है.
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DBW 327 गेहूं की किस्म चपाती के लिए बहुत अच्छी मानी गई है. इस किस्म में आयरन की मात्रा4 पीपीएम तथा जिंक की मात्रा 40.6 पीपीएम है. साथ ही यह अधिक उपज देने वाली गेहूं की क़िस्म है.