कचनार के फूलों से भला! कौन नहीं परिचित होगा. इसका पेड़ कहीं भी सड़क के किनारे देखने को मिल ही जाता है. वैसे कचनार को संस्कृत में कांचनार, चमरिक और अन्य नामों से जाना जाता है. इसके वृक्ष की लंबाई 10 से 15 मीटर तक की होती है. कचनार के फूल सफेद, गुलाबी या बैगनी रंग के होते हैं. इसके पत्ते की लंबाई करीब 2.5 इंच से 6 इंच तक की लंबी होती है. साथ ही 3 से 6.5 इंच तक चौड़ी होती है.इसके पत्तियों के उपर बारिक धारियां होती हैं.
कचनार के फूल जितने देखने में सुंदर लगते हैं उससे कहीं ज्यादा इसमें औषधीय गुण मौजूद हैं. कचनार का फूल व पेड़ हमारे लिए कितना उपयोगी है आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे. साथ ही कचनार किन-किन रोगों का निदान करता है इसकी पूरी जानकारी भी हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे.
पेट की समस्या में कचनार का लाभ
पेट की चाहे जैसी भी परेशानी हो कचनार के की छाल का काढ़ा बना कर पीने से तुरंत आराम मिलता है. इसके लिए कचनार की छाल को करीब 30 मिनट पानी में उबाले, उबालते समय ही एक चम्मच अजवाइन डाल लें और काढ़ा तैयार होने के बाद इसके सेवन करने से गैस की समस्या से आराम मिलता है. साथ ही पेट का फूलना, पेट में दर्द और बाकी समस्या में आराम मिलता है.
कचानार खून को साफ करने में भी मदद करता है
कचनार के फूल का काढ़ा पीने से बॉडी नैचुरली डिटॉक्स हो जाती है. जब आपका खून साफ रहेगा तो कई अन्य बीमारी होने का क्षमता कम रहेगा. साथ ही इसके नियमित काढ़ा पीने से त्वचा संबंधित रोग जैसे- खुजली, मुहासा, एग्जिमा आदि में आप इसके फूल का काढ़ा बना कर पी सकते है.साथ ही आप इसकी छाल को पीसकर इसका लेप भी लगा सकते हैं. जुखाम के समय भी इसके फूल का काढ़ा काफी फायदेमंद है.
कई बीमारियों में भी कचनार काफी फायदेमंद
कचनार के फूल, फल, छाल व पत्तियां कई बीमारियो में काफी फायदेमंद हैं. जैसे-
- त्वचा संबंधित रोगों में काफी फायदेमंद है
- बाबासीर से होने वाले दर्द में भी इसका उपयोग किया जा सकता है.
- कीड़ों के होने वाले संक्रमण व कीड़े के काटने पर इसके छाल का लेप लगाने से तुरंत मिलेगा आराम
- बाहरी घाव व अंदरुनी घाव को ठीक करने में उपयोगी.
इसे भी पढ़ें: बिहार का मगही पान है दुनियाभर में मशहूर, मिल चुका है GI टैग, जानें औषधीय गुण और खेती के फायदे?