इन दिनों फसलों से ज्यादा फसलों के रखरखाव एवं संरक्षण को लेकर किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है. महंगाई के इस दौर में अन्य सामग्रियों के साथ-साथ खादों के दाम भी आसमान छूते नज़र आ रहे हैं. समस्या ये भी है कि ये खाद महंगे होने के साथ-साथ फसलों के लिए भी जहरीले होते जा रहे हैं, जिसकी वजह से कैंसर जैसी बीमारियां भारत में तेज़ी से बढ़ती जा रही है. लेकिन अब कृषि विभाग किसानों को नया तोहफ़ा देते हुए जीवामृत खाद बनाने की तकनीक सीखा रही है.
खेती में जीवामृत खाद को बढ़ावा देते हुए कृषि विभाग की ओर से कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं. इस बारे में विभाग ने कहा कि जीवामृत के उपयोग से किसानों को खेती के दौरान किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना करना नहीं पड़ेगा एवं सरकार से उन्हें सहूलियत भी मिलेगी.
कृषि विभाग ने इस बारे में बताया कि कृषि यंत्रों के अलावा हम जीवामृत खाद को भी बढ़ावा देंगें. विभाग ने कहा कि जीवामृत बनाकर ना किसान अपने पैसों को बचा पाएंगें, बल्कि अपनी खेती की लागत आधे से भी घटा लेंगें.
क्या है जीवामृत खादः
जीवामृत एक प्रकार की जैविक खाद है, जो अत्यधिक प्रभावशाली है. इस खाद को मुख्य रूप से गोबर से बनाया जाता है. हर तरह के विषैले पदार्थ से मक्त यह खाद पौधों की वृद्धि एवं विकास में सहायक होती है.
जीवामृत खाद से होते हैं ये फायदे:
ये खाद पौधों की ताकत बढ़ाने के साथ-साथ उनका विकास भी करती है. इतना ही नहीं वातावरण के लिए भी किसी प्रकार से खतरनाक ना होने के कारण ये भूमि को उपजाऊ क्षमता बनाएं रखती है. इस खाद द्वारा उपजाई गई फसले शुद्ध होती है, जिस कारण किसी प्रकार के बिमारी का खतरा नहीं रहता है.