Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! अब किसानों और पशुपालकों को डेयरी बिजनेस पर मिलेगा 35% अनुदान, जानें पूरी डिटेल Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 7 May, 2020 2:43 PM IST

कम समय में अगर आप जामुन से बड़ा फायदा लेना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए है. दरअसल जामुन के एक पेड़ को तैयार करने में कम से कम 8 से 10 साल का समय लगता है, लेकिन छत्तीसगढ़ कृषि महाविद्यालय और अनुसंधान केंद्र कांकेर ने खास जामुन के किस्मों को तैयार किया है. अनुसंधान द्वारा ऐसे छह किस्मों को जीनोटाइप किया गया है, जिसके सहारे केवल तीन वर्षों में ही फल प्राप्त हो सकता है.

एक वृक्ष से 60 किलोग्राम फल

अनुसंधान द्वारा तैयार किए गए इन पौधों में न केवल तीन वर्षों के अंदर ही फल आने लग जाते हैं, बल्कि फलों का उपज भी बढ़ता है. प्राप्त जानकारी के अनुसार एक वृक्ष से 50 से 60 किलोग्राम फल की प्राप्ति हो सकती है. अनुसंधान ने कांकेर, कोड़ागांव, जगदलपुर के विभिन्न वन क्षेत्रों में इन पेड़ों पर सर्वेक्षण किया है.

क्या होता है जीनोटाइप

किसी पौधे को जीनोटाइप करने का मतलब उसके अनुवांशिक भीतरी संरचना में सुधार करते हुए गुणवत्ता एवं उपज को बढ़ाना है. इस क्रिया द्वारा किसी एकल लक्षण और लक्षणों के संदर्भ में, किसी भी पौधे या पौधों के समूह के अनुवांशिक श्रृंगार में बदलाव किया जाता है. जीनोटाइफ पौधों के सभी जीनों या किसी विशिष्ट जीन से संबंधित हो सकता है. इसी क्रिया द्वारा जामुन के पौधों में बदलाव कर फल जल्दी लाया जाता है.

सेहत के लिए भी होगा लाभकारी

जीनोटाइप जामुन सेहत के लिहाज से भी शरीर के लिए फायदेमंद ही रहेगा. इसका सबसे अधिक फायदा मधुमेह के रोगियों को होगा. कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि जीनोटाइप जामुन कैंसर की लड़ाई में सहायक हो सकता है. वैसे भी जामुन को एंटी कैंसर फलों की श्रेणी में रखा गया है.

(आपको हमारी खबर कैसी लगी? इस बारे में अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें. इसी तरह अगर आप पशुपालन, किसानी, सरकारी योजनाओं आदि के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो वो भी बताएं. आपके हर संभव सवाल का जवाब कृषि जागरण देने की कोशिश करेगा)

English Summary: Jamun plant will be ready in 3 years, 60 kg fruit per tree
Published on: 07 May 2020, 02:45 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now