कम समय में अगर आप जामुन से बड़ा फायदा लेना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए है. दरअसल जामुन के एक पेड़ को तैयार करने में कम से कम 8 से 10 साल का समय लगता है, लेकिन छत्तीसगढ़ कृषि महाविद्यालय और अनुसंधान केंद्र कांकेर ने खास जामुन के किस्मों को तैयार किया है. अनुसंधान द्वारा ऐसे छह किस्मों को जीनोटाइप किया गया है, जिसके सहारे केवल तीन वर्षों में ही फल प्राप्त हो सकता है.
एक वृक्ष से 60 किलोग्राम फल
अनुसंधान द्वारा तैयार किए गए इन पौधों में न केवल तीन वर्षों के अंदर ही फल आने लग जाते हैं, बल्कि फलों का उपज भी बढ़ता है. प्राप्त जानकारी के अनुसार एक वृक्ष से 50 से 60 किलोग्राम फल की प्राप्ति हो सकती है. अनुसंधान ने कांकेर, कोड़ागांव, जगदलपुर के विभिन्न वन क्षेत्रों में इन पेड़ों पर सर्वेक्षण किया है.
क्या होता है जीनोटाइप
किसी पौधे को जीनोटाइप करने का मतलब उसके अनुवांशिक भीतरी संरचना में सुधार करते हुए गुणवत्ता एवं उपज को बढ़ाना है. इस क्रिया द्वारा किसी एकल लक्षण और लक्षणों के संदर्भ में, किसी भी पौधे या पौधों के समूह के अनुवांशिक श्रृंगार में बदलाव किया जाता है. जीनोटाइफ पौधों के सभी जीनों या किसी विशिष्ट जीन से संबंधित हो सकता है. इसी क्रिया द्वारा जामुन के पौधों में बदलाव कर फल जल्दी लाया जाता है.
सेहत के लिए भी होगा लाभकारी
जीनोटाइप जामुन सेहत के लिहाज से भी शरीर के लिए फायदेमंद ही रहेगा. इसका सबसे अधिक फायदा मधुमेह के रोगियों को होगा. कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि जीनोटाइप जामुन कैंसर की लड़ाई में सहायक हो सकता है. वैसे भी जामुन को एंटी कैंसर फलों की श्रेणी में रखा गया है.
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