सोयाबीन फसल के प्रारम्भिक 45 दिनों तक खरपतवार नियंत्रण बहुत आवश्यक होता है. बतर आने पर डोरा या कुल्फा चलाकर खरपतवार नियंत्रण करें इसके बाद एक निदाई अंकुरण होने के 30 दिन बाद करें। इसके अलावा सोयाबीन में रासायनिक विधि से खरपतवारों के नियंत्रण के लिए बुवाई के पश्चात एवं अंकुरण के पूर्व डायक्लोसुलम 84% डब्ल्यूडीजी (स्ट्रॉग आर्म) 12.5 ग्राम प्रति एकर बुवाई के 0 से 3 दिन के अंदर 200 लीटर पानी मे घोलकर छिड़काव करें.
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सोयाबीन की खड़ी फसल में चौड़ी पत्ती एवं घास खरपतवारों की रोकथाम के लिए इमाईज़ेथापायर 10% एसएल (परशूट) 400 मिली प्रति एकर + एमएसओ एडजुवेंट 400 मिली प्रति एकर 200 लीटर पानी मे घोलकर बुवाई के 15-20 दिन बाद भूमि में नमी होने पर छिडकाव करें. या
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खड़ी फसल में चौड़ी पत्ती एवं घास कुल के खरपतवारों के नियंत्रण के लिये इमज़ामोक्स 35% + इमेजेथाफायर 35% डब्ल्यूजी (ओडिसी) 40 ग्राम + एमएसओ एडजुवेंट 400 मिली प्रति एकर 200 लीटर में घोलकर बुवाई के 15 से 20 दिन बाद खेत मे नमी होने पर छिड़काव करें.
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खड़ी फसल में चौड़ी पत्ती एवं सकरी पत्ती के खरपतवारों के नियंत्रण के लिये प्रोपैक्विज़ाफॉप 2.5% + इमेज़ैथायर 3.75% एमडब्ल्यू (साकेड) 800 मिली प्रति एकर 200 लीटर पानी में घोलकर 15 से 20 दिन बाद खेत मे नमी होने पर छिड़काव करें.
लेखक
एस. के. त्यागी
कृषि वैज्ञानिक
कृषि विज्ञान केन्द्र, खरगोन (म.प्र.)