Success Story: एवोकाडो की खेती से भोपाल का यह युवा किसान कमा रहा शानदार मुनाफा, सालाना आमदनी 1 करोड़ रुपये से अधिक! पॉलीहाउस और शेड नेट लगाने के लिए सरकार दे रही है 50% सब्सिडी, ऐसे करें आवेदन मूंगफली की खेती से किसानों की होगी मोटी कमाई, बस रखें इन बातों का ध्यान! भीषण गर्मी और लू से पशुओं में हीट स्ट्रोक की समस्या, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 24 November, 2018 1:40 PM IST

भारतीय मसालों में हींग का अहम स्थान है. इसका स्वाद हर व्यंजन में मिलता है. भारत में हींग ईरान, तुर्केमिनस्तान और अफगानिस्तान के अलावा कजाकिस्तान से आयात की जाती है. लेकिन अब हींग की आपूर्ति के लिए भारत को दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में जितना हींग का उत्पादन होता है उसका 40 फीसदी इस्तेमाल सिर्फ भारत में होता है.  हींग की इतनी खपत होने के बावजूद भारत में इसका उत्पादन नहीं होता था लेकिन अब हिमाचल प्रदेश देश में हींग की खेती शुरू करने वाला पहला राज्य बन गया है. दरअसल हिमाचल के लाहौल स्पीति और किनौर नामक स्थान पर तुर्की से हींग का बीज मांगकर खेती की जा रही है.

पौधा कैसा होता है और इससे कैसे हींग निकलता है?

दरअसल हींग गाजर प्रजाति का एक छोटा सा पौधा है. जिसकी आयु पांच वर्ष होती है. इसके एक पौधे से औसतन आधा से एक लीटर तक हींग का दूध पैदा होता है. इस दूध से ही हींग बनाया जाता है.

बाजार में अशुद्धियों से भरपूर हींग

एक अनुमान के मुताबिक, बाजार में मिलने वाली हींग अशुद्धियों से भरपूर होती है. इसमें 80 से 95 प्रतिशत तक आटा और अन्य मिश्रण डाल कर बाजार में बेचा जाता है. इस समय बाजार में हींग की कीमत 15  से 35 हजार रुपए प्रति किलो है. इससे किसान बड़े स्तर पर लाभ कमा सकते हैं. कृषि एवं जनजातीय विकास मंत्री डॉक्टर राम लाल मार्कंडेय ने बताया है कि उदयपुर के कृषि विज्ञान केंद्र ने शांशा में किसानों को हींग का बीज बांटा है. लाहौल के स्पीति और किनौर में इसकी खेती की जा रही है और किनौर में इसकी फसल सबसे अच्छी हुई है. उनके मुताबिक लाहौल के स्पीति और किनौर में अगर इसके परिणाम अच्छे निकले तो बड़े स्तर पर इसकी खेती की जाएगी.

English Summary: India will cultivate asafetida in big profits
Published on: 24 November 2018, 01:42 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now